क्या ओवेरियन कैंसर का इलाज संभव है? जानें आधुनिक उपचार

oncare team
Updated on Sep 10, 2025 15:46 IST

By Raveena M Prakash

ओवेरियन कैंसर, जिसे अंडाशय का कैंसर भी कहते हैं, महिलाओं के लिए एक गंभीर और कठिन समस्या है। यह तब होता है जब अंडाशय की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। इस कैंसर का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसके लक्षण शुरुआती दौर में अस्पष्ट रहते हैं, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। अधिकतर महिलाएं तभी डॉक्टर के पास जाती हैं जब कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका होता है, जिससे उपचार में कठिनाई आ सकती है।

हालांकि, ओवेरियन कैंसर का इलाज अगर समय पर किया जाए और सही उपचार अपनाया जाए, तो इसे नियंत्रण में लाया जा सकता है। इसलिए, महिलाओं को इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जागरूक किया जाना जरूरी है ताकि वे जल्दी डॉक्टर से संपर्क कर सकें। इस लेख में हम ओवेरियन कैंसर क्या है और क्या इसका इलाज संभव है या नहीं पर बात करेंगे और साथ ही में इलाज के नए तरीके पर चर्चा करेंगे, ताकि सही समय पर निदान और उपचार से इस बीमारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके। अगर उचित समय पर इलाज किया जाए, तो मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकती हैं।

ओवेरियन कैंसर क्या है?

ओवेरियन कैंसर, जिसे अंडाशय का कैंसर भी कहा जाता है,यह एक प्रकार का कैंसर है जो महिलाओं के अंडाशय में विकसित होता है। अंडाशय वे अंग हैं जो अंडे (ओवम) और हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करते हैं। ओवेरियन कैंसर तब होता है जब अंडाशय की कोशिकाएं बिना नियंत्रण के बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। यह कैंसर धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।

ओवेरियन कैंसर का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसके लक्षण शुरुआती चरण में स्पष्ट नहीं होते, जिससे इसका समय पर पता नहीं चलता। महिलाएं अक्सर पेट में हल्का दर्द, सूजन या भूख न लगने जैसी सामान्य समस्याओं को अनदेखा कर देती हैं, जिससे कैंसर का पता देर से चलता है और यह उन्नत अवस्था में पहुँच जाता है। ओवेरियन कैंसर के प्रकारों में एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर, स्ट्रोमल ट्यूमर और जर्म सेल ट्यूमर प्रमुख हैं, जिनमें से एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर सबसे आम है।

क्या ओवेरियन कैंसर का इलाज संभव है?

ओवेरियन कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन उपचार का तरीका इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर किस स्टेज में है और मरीज की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति कैसी है। अगर कैंसर की पहचान शुरुआती चरण में हो जाती है, तो इसे पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है। लेकिन अगर यह अन्य अंगों में फैल चुका है, तो इलाज कठिन हो सकता है, और स्थिति को नियंत्रित करने में ज्यादा समय लग सकता है।

इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि ओवेरियन कैंसर के लक्षणों के प्रति जागरूक रहें और जैसे ही लक्षण महसूस हों, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती अवस्था में कैंसर का इलाज अपेक्षाकृत सरल हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है और अन्य हिस्सों में फैलता है, इलाज जटिल हो जाता है।

ओवेरियन कैंसर का पता लगाना और इलाज

  1. सर्जरी (Surgery): सर्जरी ओवेरियन कैंसर का सबसे प्रभावी और प्राथमिक उपचार है। इसका उद्देश्य कैंसर से प्रभावित अंडाशय और आसपास के ऊतकों को निकालना है। यदि कैंसर प्रारंभिक अवस्था में है, तो केवल एक अंडाशय को निकाला जा सकता है, जिससे महिला की प्रजनन क्षमता बनी रहती है। यदि कैंसर ज्यादा फैल चुका है, तो दोनों अंडाशय और अन्य प्रभावित अंगों को निकालना पड़ सकता है। इस प्रक्रिया को ओफोरेक्टॉमी कहा जाता है। सर्जरी के बाद कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी भी दी जा सकती है।
  2. कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कीमोथेरेपी में दवाओं का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। यह उपचार उन महिलाओं को दिया जाता है जिनका कैंसर पहले ही शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका है या जिनका कैंसर सर्जरी के बाद पुनः उभर सकता है। कीमोथेरेपी के सामान्य दुष्प्रभावों में बालों का झड़ना, मितली, उल्टी और थकान शामिल हैं, लेकिन ये अस्थायी होते हैं और उपचार समाप्त होने के बाद ठीक हो जाते हैं।
  3. रेडियोथेरेपी (Radiotherapy): रेडियोथेरेपी में उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से उन मामलों में उपयोगी है जब कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका हो। रेडियोथेरेपी को कीमोथेरेपी या सर्जरी के साथ भी किया जा सकता है। इसके साइड - इफ़ेक्ट में त्वचा में जलन, थकान और मितली हो सकते हैं, लेकिन ये अस्थायी होते हैं और उपचार खत्म होने के बाद ठीक हो जाते हैंलक्षित चिकित्सा (Targeted Therapy): लक्षित चिकित्सा एक नई विधि है जिसमें विशेष दवाओं का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को सीधे निशाना बनाने के लिए किया जाता है। यह कीमोथेरेपी से अधिक प्रभावी हो सकता है, क्योंकि यह केवल कैंसर कोशिकाओं को ही निशाना बनाता है, जिससे स्वस्थ कोशिकाओं को कम नुकसान होता है। यह उपचार उन मरीजों के लिए उपयुक्त है जिनमें कैंसर कोशिकाओं में असामान्य बदलाव होते हैं, जो अन्य उपचारों से नियंत्रित नहीं हो सकते।
  4. हार्मोनल थेरेपी (Hormone Therapy): यह उपचार ओवेरियन कैंसर के कुछ प्रकारों में सहायक होता है, खासकर उन प्रकारों में जिनमें हार्मोन की भूमिका होती है। हार्मोनल थेरेपी में दवाओं का उपयोग करके शरीर में हार्मोन के स्तर को नियंत्रित किया जाता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रुक जाती है। यह विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं के लिए प्रभावी हो सकता है।

ओवेरियन कैंसर से बचाव के उपाय

ओवेरियन कैंसर से बचाव के लिए कुछ प्रभावी उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है। हालांकि, इस कैंसर के लिए कोई पूर्ण रूप से निश्चित बचाव उपाय नहीं हैं, फिर भी कुछ आदतें और जीवनशैली के परिवर्तन ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।

  1. स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और फाइबर से भरपूर आहार शरीर को आवश्यक पोषण देता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोका जा सकता है। इसके अलावा, वसा और चीनी का सेवन कम करना भी जरूरी है, क्योंकि अत्यधिक वसा कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
  2. नियमित व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम कर सकती है। व्यायाम से शरीर में हार्मोन का संतुलन बना रहता है और वजन नियंत्रित रहता है, जो कैंसर के खतरे को घटाता है। 30 मिनट से 1 घंटे तक हर दिन हल्का व्यायाम, जैसे तेज़ चलना, दौड़ना या योग करना, फायदेमंद हो सकता है।
  3. धूम्रपान और शराब से परहेज: धूम्रपान और शराब का सेवन ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। धूम्रपान से शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचार होता है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास में मदद कर सकते हैं। शराब का अत्यधिक सेवन हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जो ओवेरियन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  4. गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन: कुछ अध्ययन बताते हैं कि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। जिन्होंने कम से कम 5 वर्षों तक गर्भनिरोधक गोलियाँ ली हैं, उनमें इस कैंसर का खतरा कम पाया गया है। हालांकि, इस पर विचार करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
  5. नियमित स्वास्थ्य जांच: ओवेरियन कैंसर का जल्दी निदान करने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण हैं। अगर परिवार में इस बीमारी का इतिहास है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर नियमित जांच करानी चाहिए।

इन उपायों को अपनाकर ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है और स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है।

आज ही परामर्श लें

ओवेरियन कैंसर का इलाज पूरी तरह से संभव है, लेकिन इसके लिए समय पर निदान और सही उपचार की आवश्यकता होती है। अगर कैंसर की पहचान जल्दी हो जाती है, तो इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए जागरूकता और नियमित जांच महत्वपूर्ण हैं।

यदि आपको ओवेरियन कैंसर के लक्षण महसूस हो, तो Oncare Hospital से तुरंत संपर्क करें। यहाँ पर विशेषज्ञ चिकित्सक आपको उचित उपचार प्रदान करेंगे, जिससे आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें।

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