बचपन के कैंसर के लक्षण: माता-पिता को किन बातों पर ध्यान देना चाहिए

oncare team
Updated on Dec 17, 2025 15:08 IST

By Prashant Baghel

हर माता-पिता की सबसे बड़ी इच्छा होती है कि उनका बच्चा हमेशा स्वस्थ, सुरक्षित और खुशहाल रहे। लेकिन कभी-कभी कुछ बीमारियाँ ऐसी होती हैं जो धीरे-धीरे बढ़ती हैं और शुरुआत में पहचान में नहीं आतीं। कैंसर ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है, जो अक्सर तब तक सामने नहीं आती जब तक वह शरीर को प्रभावित करना शुरू न कर दे। आम धारणा है कि कैंसर सिर्फ बड़ों को होता है, लेकिन सच यह है कि बचपन में भी कैंसर हो सकता है।

अच्छी बात यह है कि अगर इनका समय पर निदान (early diagnosis) कर लिया जाए, तो इलाज पूरी तरह संभव है और बच्चे स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। इसके लिए माता-पिता का सतर्क रहना बेहद जरूरी है। बच्चे के शरीर या व्यवहार में कोई भी असामान्य बदलाव जैसे लगातार बुखार, वजन कम होना, सूजन या लगातार थकान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बचपन के कैंसर के लक्षण क्या हैं, किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए, और कैसे समय पर पहचान करके बच्चे की सेहत को सुरक्षित रखा जा सकता है।

कैंसर क्या है

कैंसर एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो शरीर की कोशिकाओं (cells) की असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि के कारण होती है। सामान्य रूप से शरीर की कोशिकाएँ एक निश्चित समय तक बढ़ती हैं, फिर नई कोशिकाओं के बनने के साथ पुरानी कोशिकाएँ खत्म हो जाती हैं। लेकिन जब यह प्रक्रिया असंतुलित हो जाती है और कोशिकाएँ बिना रुके बढ़ने लगती हैं, तो वे एक गांठ या ट्यूमर (Tumor) का रूप ले लेती हैं। यही अवस्था आगे चलकर कैंसर कहलाती है।

यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है जैसे रक्त (ब्लड), मस्तिष्क, हड्डियाँ, लिंफ नोड्स, पेट, फेफड़े या गुर्दे। बच्चों में कैंसर का कारण अक्सर आनुवंशिक (genetic) या कोशिकाओं में हुई गड़बड़ी होता है। शुरुआती अवस्था में इसके लक्षण बहुत हल्के हो सकते हैं, लेकिन समय पर पहचान और सही इलाज से इसका उपचार पूरी तरह संभव है।

बचपन के कैंसर के मुख्य प्रकार

  1. ल्यूकेमिया (Leukemia): यह बच्चों में सबसे आम कैंसर है, जो खून और बोन मैरो को प्रभावित करता है। इसमें बच्चे को बार-बार बुखार आना, कमजोरी, या आसानी से खून बहना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
  2. लिंफोमा (Lymphoma): यह कैंसर लिंफ नोड्स (गर्दन या बगल के गांठों) को प्रभावित करता है। इसमें सूजन, वजन कम होना और रात में पसीना आना जैसे संकेत दिख सकते हैं।
  3. ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor): यह मस्तिष्क या स्पाइनल कॉर्ड में बनता है। बच्चे को सिरदर्द, उल्टी, धुंधला दिखाई देना या संतुलन बिगड़ना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
  4. विल्स ट्यूमर (Wilms Tumor): यह गुर्दे (किडनी) में होता है और अधिकतर छोटे बच्चों में देखा जाता है। इसमें पेट में सूजन या गांठ महसूस हो सकती है।
  5. ऑस्टियोसारकोमा (Osteosarcoma): यह हड्डियों में होने वाला कैंसर है। इसमें हड्डियों में दर्द, सूजन या चलने में कठिनाई हो सकती है।

बचपन के कैंसर के लक्षण

अक्सर माता-पिता सोचते हैं कि बच्चे की तबीयत सामान्य वायरल, सर्दी-जुकाम या किसी संक्रमण की वजह से खराब है, लेकिन अगर कुछ लक्षण बार-बार दिखाई दें और लंबे समय तक बने रहें, तो उन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि कई बार ऐसे ही मामूली लगने वाले संकेत बचपन के कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। अगर समय रहते इन लक्षणों को पहचाना जाए, तो बच्चे को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं ऐसे कुछ महत्वपूर्ण संकेत, जिन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

1. लगातार बुखार या कमजोरी

अगर आपका बच्चा बार-बार बुखार में रहता है, जल्दी थक जाता है या हमेशा कमजोरी महसूस करता है, तो यह सामान्य वायरल नहीं बल्कि किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। विशेष रूप से अगर बुखार बिना किसी स्पष्ट कारण के बार-बार आता है, तो यह ल्यूकेमिया (Leukemia) जैसे रक्त कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना आवश्यक है।

2. शरीर पर असामान्य सूजन या गांठें

गर्दन, बगल, कमर या पेट के किसी हिस्से में बिना दर्द वाली गांठ या सूजन दिखाई दे और वह लंबे समय तक बनी रहे, तो यह लिंफोमा (Lymphoma) या किसी अन्य कैंसर का संकेत हो सकता है। आमतौर पर माता-पिता सोचते हैं कि यह किसी इंफेक्शन के कारण हुई सूजन है, लेकिन अगर यह हफ्तों तक बनी रहती है, तो जांच जरूर करवानी चाहिए।

3. वजन का अचानक कम होना

अगर बच्चा सामान्य रूप से खाना खा रहा है, फिर भी उसका वजन लगातार घट रहा है, तो यह शरीर के भीतर किसी गंभीर बदलाव की ओर इशारा करता है। वजन का बिना कारण कम होना कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक है।

4. लगातार दर्द या सूजन

हड्डियों, जोड़ों या किसी खास हिस्से में लंबे समय तक दर्द बना रहना और सामान्य दवा या मालिश से ठीक न होना भी एक चेतावनी संकेत है। बच्चों में ऑस्टियोसारकोमा (Osteosarcoma) जैसे हड्डियों के कैंसर की शुरुआत ऐसे ही दर्द से होती है।

5. सिरदर्द और उल्टी

अगर बच्चे को सुबह उठते ही सिरदर्द होता है, बार-बार उल्टी आती है, या चलने-फिरने में संतुलन बिगड़ने लगता है, तो यह ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

6. त्वचा पर असामान्य निशान या खून बहना

बिना चोट के शरीर पर नीले निशान (bruises) बनना, नकसीर आना या मसूड़ों से खून बहना – ये सभी ल्यूकेमिया के लक्षण हो सकते हैं। यह कैंसर खून की कोशिकाओं को प्रभावित करता है और शरीर में खून बनने की प्रक्रिया को कमजोर कर देता है।

7. आंखों में बदलाव

अगर बच्चे की आंखों में सफेद चमक दिखाई देने लगे, नजर धुंधली हो जाए या एक आंख का आकार बदलता दिखे, तो यह रेटिनोब्लास्टोमा (Retinoblastoma) नामक आंखों के कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसे लक्षण अक्सर फोटो खींचने पर दिखाई देते हैं जब एक आंख में सफेद चमक दिखती है।

8. सांस लेने में दिक्कत या खांसी

अगर बच्चे को लंबे समय तक खांसी बनी रहती है, सांस फूलने लगती है या छाती में दर्द होता है, तो यह लिंफोमा या फेफड़ों से जुड़ा कैंसर हो सकता है। इस तरह की समस्या को सामान्य सर्दी-खांसी समझने की गलती नहीं करनी चाहिए।

9. पेट में सूजन या दर्द

अगर बच्चे के पेट में सूजन महसूस हो रही है, या कोई गांठ जैसी चीज़ दिखाई दे रही है, तो यह विल्स ट्यूमर (Wilms Tumor) या पेट के किसी अन्य कैंसर का संकेत हो सकता है। अक्सर यह सूजन दर्द रहित होती है, लेकिन धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।

10. बार-बार संक्रमण होना

कई बार बच्चों में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे वे बार-बार किसी न किसी संक्रमण से ग्रस्त हो जाते हैं। अगर बच्चे को बार-बार गले में दर्द, खांसी, बुखार या किसी भी प्रकार का संक्रमण हो रहा है, तो यह भी कैंसर के शुरुआती संकेतों में से एक हो सकता है।

माता-पिता को क्या करना चाहिए?

  1. ध्यानपूर्वक निरीक्षण करें: बच्चे के व्यवहार, खाने की आदतों और शारीरिक बदलावों पर ध्यान दें।
  2. नियमित जांच कराएं: अगर कोई लक्षण बार-बार दिख रहा है, तो डॉक्टर से तुरंत जांच करवाएं।
  3. रक्त जांच और स्कैन: डॉक्टर के सुझाव पर ब्लड टेस्ट, एक्स-रे या एमआरआई कराना बहुत जरूरी है ताकि कारण स्पष्ट हो सके।
  4. समय पर इलाज: कैंसर का इलाज जितनी जल्दी शुरू होता है, उतनी ही रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है।

आज ही परामर्श लें

बचपन का कैंसर डरावना जरूर लगता है, लेकिन सच यह है कि अगर समय पर लक्षणों की पहचान कर ली जाए और सही इलाज शुरू किया जाए, तो बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है। माता-पिता के लिए जरूरी है कि वे अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर नियमित रूप से नजर रखें और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

अगर आप अपने बच्चे के लिए सबसे बेहतर कैंसर उपचार और देखभाल की तलाश में हैं, तो Oncare Cancer Hospital एक भरोसेमंद नाम है। यहां अनुभवी डॉक्टरों, आधुनिक तकनीक और सहानुभूतिपूर्ण टीम की मदद से बच्चों का कैंसर इलाज सुरक्षित और सफल तरीके से किया जाता है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

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