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घर पर ब्रेस्ट कैंसर की जांच कैसे करें – स्टेप बाय स्टेप गाइड
हर महिला के लिए उसका स्वास्थ्य सबसे बड़ी पूंजी होता है। लेकिन अक्सर हम अपनी जिम्मेदारियों में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि खुद की सेहत पर ध्यान ही नहीं दे पाते। आज के समय में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) महिलाओं में तेजी से बढ़ता हुआ एक गंभीर रोग बन गया है। भारत में हर साल लाखों महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं। लेकिन अगर इसकी पहचान शुरुआती स्टेज में कर ली जाए, तो इसका इलाज काफी हद तक सफल हो सकता है।
डॉक्टर हमेशा यही सलाह देते हैं कि महिलाएं हर महीने घर पर खुद ही अपनी ब्रेस्ट की जांच करें। इसे ही ब्रेस्ट सेल्फ एग्ज़ामिनेशन (Breast Self Examination) कहा जाता है। यह एक बेहद आसान प्रक्रिया है, जो किसी भी महिला को अपने शरीर के बदलावों को समझने में मदद करती है। अगर समय रहते कोई असामान्यता पकड़ी जाए, तो कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।
आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि घर पर ब्रेस्ट कैंसर की जांच कैसे करें, किन बातों का ध्यान रखें, और अगर कोई लक्षण दिखे तो आगे क्या कदम उठाना चाहिए।
ब्रेस्ट सेल्फ एग्ज़ामिनेशन क्या होता है?
ब्रेस्ट सेल्फ एग्ज़ामिनेशन (Breast Self Examination in Hindi) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिला खुद अपनी ब्रेस्ट की जांच करती है ताकि किसी भी तरह की गांठ, सूजन, या बदलाव का पता लगाया जा सके। इसका उद्देश्य शुरुआती स्तर पर ही ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को पहचानना है।
यह जांच घर पर आसानी से की जा सकती है और इसके लिए किसी विशेष उपकरण या डॉक्टर की आवश्यकता नहीं होती। नियमित रूप से यह जांच करने से महिला अपने शरीर में होने वाले छोटे से छोटे बदलाव को पहचान सकती है, जिससे समय पर जांच और इलाज संभव हो पाता है।
ब्रेस्ट सेल्फ एग्ज़ामिनेशन क्यों जरूरी है?
ब्रेस्ट कैंसर की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह शुरुआती स्टेज में दर्द नहीं करता और महिलाएं इसे सामान्य बदलाव मानकर नजरअंदाज कर देती हैं।सेल्फ एग्ज़ामिनेशन का फायदा यह है कि आप खुद अपने शरीर की निगरानी कर सकती हैं।
अगर हर महिला महीने में एक बार अपनी ब्रेस्ट की जांच करे, तो शुरुआती चरण में ही किसी गांठ, आकार में बदलाव, या त्वचा की असामान्यता को पहचानना आसान हो जाता है।
शोध बताते हैं कि कई महिलाओं ने अपनी खुद की जांच के दौरान ही ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती संकेत पहचाना, जिससे उनका इलाज समय पर शुरू हो सका और जीवन बच गया।
ब्रेस्ट सेल्फ एग्ज़ामिनेशन कब करना चाहिए?
ब्रेस्ट की जांच का सबसे अच्छा समय हर महीने पीरियड्स खत्म होने के 3 से 5 दिन बाद होता है। उस समय हार्मोनल बदलाव कम होते हैं और स्तन सामान्य अवस्था में होते हैं, जिससे किसी गांठ या सूजन का पता लगाना आसान होता है।
जिन महिलाओं का पीरियड्स बंद हो चुका है (मेनोपॉज़), वे हर महीने किसी एक निश्चित तारीख को यह जांच कर सकती हैं, ताकि आदत बन सके।
घर पर ब्रेस्ट कैंसर की जांच कैसे करें? (Breast Self Examination Step by Step in Hindi)
ब्रेस्ट सेल्फ एग्ज़ामिनेशन तीन आसान स्टेप्स में किया जा सकता है देखना (Look), महसूस करना (Feel), और जांचना (Check)।
पहला चरण: दर्पण के सामने देखकर जांच करें
सबसे पहले दर्पण (Mirror) के सामने खड़ी होकर अपनी ब्रेस्ट को ध्यान से देखें।आपकी ब्रेस्ट का आकार, त्वचा का रंग, निप्पल की स्थिति सब सामान्य दिख रहे हैं या नहीं, यह देखें।
अगर आपको नीचे दिए गए किसी भी बदलाव का अहसास हो, तो उसे गंभीरता से लें:
- स्तन का आकार बदलना या सूज जाना,
- त्वचा पर गड्ढे या झुर्रियां दिखना,
- निप्पल का अंदर की ओर धंसना,या किसी हिस्से में लालिमा या सूजन दिखना।
इसके बाद अपने दोनों हाथ सिर के पीछे रखकर या कमर पर रखकर दोबारा देखें। यह पोज़ ब्रेस्ट के आकार में छोटे बदलावों को पहचानने में मदद करता है।
दूसरा चरण: हाथों से महसूस करके जांच करें
अब अपनी उंगलियों के पोरों से हल्के दबाव के साथ ब्रेस्ट को महसूस करें। यह जांच दो तरह से करें पहले खड़े होकर और फिर लेटकर।
एक हाथ को सिर के पीछे रखें और दूसरे हाथ से विपरीत ब्रेस्ट को गोलाकार गति में धीरे-धीरे दबाएं। इस दौरान ब्रेस्ट के ऊपरी, निचले और किनारे के हिस्सों को अच्छी तरह से जांचें। अगर आपको कोई गांठ, कठोर हिस्सा, या दर्दनाक स्थान महसूस हो, तो उसे नोट करें।
याद रखें हर गांठ कैंसर नहीं होती। कई बार हार्मोनल बदलाव या दूध की ग्रंथियों के कारण भी गांठ बन जाती है, लेकिन फिर भी इसे डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
तीसरा चरण: निप्पल और बगल की जांच करें
निप्पल को हल्के से दबाएं और देखें कि क्या कोई तरल पदार्थ, खून या द्रव निकल रहा है।अगर ऐसा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
साथ ही, बगल (Armpit) के नीचे भी जांच करें क्योंकि कई बार कैंसर वहां के लिम्फ नोड्स तक फैल जाता है। अगर बगल में सूजन या दर्द महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें।
ब्रेस्ट सेल्फ एग्ज़ामिनेशन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
सेल्फ एग्ज़ामिनेशन करते समय घबराएं नहीं। शुरुआत में सामान्य और असामान्य ब्रेस्ट टिश्यू में फर्क समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन अभ्यास से यह आसान हो जाता है।
हर महिला के स्तन अलग आकार और बनावट के होते हैं, इसलिए दूसरों से तुलना करने की बजाय अपने शरीर में होने वाले बदलावों को समझें।
अगर जांच के दौरान कोई असामान्यता मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक टेस्ट जैसे मैमोग्राफी (Mammography) या बायोप्सी (Biopsy) करवाएं।
ब्रेस्ट सेल्फ एग्ज़ामिनेशन से क्या फायदा होता है?
ब्रेस्ट सेल्फ एग्ज़ामिनेशन करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह शुरुआती स्तर पर ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने में मदद करता है।इससे न केवल इलाज आसान हो जाता है, बल्कि सफल होने की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है।
जो महिलाएं नियमित रूप से यह जांच करती हैं, वे अपने शरीर को बेहतर तरीके से जान पाती हैं और किसी भी बदलाव को तुरंत पहचान लेती हैं।
आज ही परामर्श लें
ब्रेस्ट कैंसर का डर बड़ा हो सकता है, लेकिन जानकारी और सावधानी उससे कहीं ज्यादा ताकतवर है। हर महिला को महीने में एक बार Breast Self Examination in Hindi के अनुसार खुद की जांच जरूर करनी चाहिए।
यह एक छोटा कदम है, जो आपके जीवन की सुरक्षा में बहुत बड़ा योगदान दे सकता है। याद रखें “जल्दी पहचान, बेहतर इलाज।”
अगर आपको किसी भी तरह की असामान्यता महसूस हो, तो बिना देरी किए विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें।Oncare Cancer Hospital जैसे आधुनिक और भरोसेमंद संस्थान में अनुभवी डॉक्टरों की टीम और एडवांस तकनीक के जरिए हर मरीज को बेहतर देखभाल और सटीक इलाज प्रदान किया जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हर महीने पीरियड्स खत्म होने के 3 से 5 दिन बाद यह जांच करनी चाहिए।
हाँ, इससे शुरुआती लक्षणों को पहचाना जा सकता है, लेकिन पुष्टि के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
नहीं, यह पूरी तरह सुरक्षित और दर्दरहित जांच है जिसे आप घर पर कर सकती हैं।
घबराएं नहीं, तुरंत डॉक्टर से मिलें और आगे की जांच जैसे मैमोग्राफी या बायोप्सी करवाएं।
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