गर्भाशय कैंसर के लक्षण और शुरुआती संकेत पहचानें

oncare team
Updated on Dec 17, 2025 12:14 IST

By Prashant Baghel

क्या आपको कभी मासिक धर्म के बीच अनियमित रक्तस्राव हुआ है? या अचानक पेट के निचले हिस्से में दर्द और कमजोरी महसूस हुई है? अक्सर महिलाएं ऐसे लक्षणों को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं, यही संकेत गर्भाशय कैंसर (Uterus Cancer) के शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं?

गर्भाशय कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसरों में से एक प्रमुख प्रकार है, जिसे समय पर पहचान लिया जाए तो इसका इलाज पूरी तरह संभव है। इस लेख में हम आसान भाषा में समझेंगे गर्भाशय कैंसर क्या है, इसके लक्षण, कारण, बचाव और इलाज के तरीके।

गर्भाशय (Uterus) क्या होता है?

गर्भाशय, जिसे “यूटरस” कहा जाता है, महिला के शरीर का एक महत्वपूर्ण प्रजनन अंग है। यह नाशपाती के आकार की एक खोखली मांसपेशी होती है जो पेट के निचले हिस्से में स्थित रहती है। यही वह जगह है जहाँ गर्भधारण के दौरान शिशु का विकास होता है।

जब इस अंग की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और उन पर नियंत्रण नहीं रहता, तब गर्भाशय कैंसर की शुरुआत होती है।

गर्भाशय कैंसर क्या है?

गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत, जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है, की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं।इसकी दो प्रमुख प्रकार होते हैं:

  1. एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer): यह सबसे सामान्य प्रकार है, जो गर्भाशय की भीतरी परत से शुरू होता है।
  2. यूटेराइन सारकोमा (Uterine Sarcoma): यह दुर्लभ प्रकार है और गर्भाशय की मांसपेशियों या अन्य ऊतकों में विकसित होता है।

गर्भाशय कैंसर के लक्षण (Symptoms of Uterus Cancer)

गर्भाशय कैंसर के लक्षण अक्सर इतने हल्के होते हैं कि ज्यादातर महिलाएं इन्हें सामान्य स्वास्थ्य समस्या समझकर अनदेखा कर देती हैं। लेकिन यही लापरवाही आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती है। अगर शरीर आपको बार-बार कुछ संकेत दे रहा है, तो उन्हें नज़रअंदाज़ न करें। नीचे बताए गए लक्षणों को समझना बेहद जरूरी है क्योंकि ये गर्भाशय कैंसर की शुरुआती पहचान में मदद कर सकते हैं।

1. अनियमित या असामान्य रक्तस्राव

यह गर्भाशय कैंसर का सबसे आम और प्रमुख लक्षण है। कई बार महिलाएं सोचती हैं कि रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद हल्का रक्तस्राव सामान्य है, लेकिन ऐसा नहीं है।

अगर मेनोपॉज के बाद अचानक ब्लीडिंग शुरू हो जाए या माहवारी के बीच अनियमित रक्तस्राव होता रहे, तो यह गर्भाशय की परत में होने वाले असामान्य बदलाव का संकेत हो सकता है।

कुछ महिलाओं में ब्लीडिंग बहुत हल्की होती है जबकि कुछ में अत्यधिक रक्तस्राव होता है। दोनों ही स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है क्योंकि यह कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।

2. माहवारी का अधिक या लंबा चलना

अगर आपकी मासिक धर्म अवधि सामान्य से ज्यादा लंबी हो रही है या रक्तस्राव अधिक मात्रा में हो रहा है, तो इसे हल्के में न लें। गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) की कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण रक्तस्राव बढ़ सकता है।

ऐसे मामलों में कई बार महिलाएं इसे हार्मोनल बदलाव या तनाव से जुड़ी समस्या मान लेती हैं, जबकि यह गर्भाशय कैंसर का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है।इसलिए अगर माहवारी लगातार असामान्य चल रही है, तो तुरंत गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेना जरूरी है।

3. पेट या निचले हिस्से में दर्द

गर्भाशय कैंसर के शुरुआती चरणों में पेट के निचले हिस्से या श्रोणि (Pelvic) क्षेत्र में लगातार दर्द, भारीपन या खिंचाव महसूस हो सकता है।कभी-कभी यह दर्द इतना हल्का होता है कि इसे सामान्य पेट दर्द समझ लिया जाता है, लेकिन समय के साथ यह बढ़ने लगता है।

अगर यह दर्द लंबे समय तक बना रहे या हर माहवारी चक्र में बढ़ जाए, तो यह संकेत हो सकता है कि गर्भाशय के ऊतकों में कुछ गड़बड़ी हो रही है।नियमित रूप से पेट में सूजन, गैस या दबाव जैसा महसूस होना भी कैंसर के बढ़ने का संकेत हो सकता है।

4. योनि से असामान्य स्राव

योनि से आने वाला पानी जैसा या दुर्गंधयुक्त स्राव भी गर्भाशय कैंसर के शुरुआती संकेतों में से एक है। कई बार यह स्राव हल्का पीला, गुलाबी या भूरे रंग का हो सकता है और उसमें खून के निशान भी पाए जा सकते हैं।

अगर स्राव की मात्रा बढ़ जाए, उसमें बदबू आने लगे या यह लगातार बना रहे, तो इसे सामान्य संक्रमण न समझें।यह गर्भाशय की भीतरी परत में होने वाले कैंसर की ओर इशारा कर सकता है।

5. थकान और वजन कम होना

जब शरीर के अंदर कैंसर की कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं, तो वे सामान्य कोशिकाओं की ऊर्जा छीन लेती हैं।इससे व्यक्ति को लगातार कमजोरी, सुस्ती और थकान महसूस होती है। 

अगर आप बिना किसी मेहनत या डाइटिंग के लगातार वजन घटते हुए महसूस कर रही हैं, तो यह भी एक चेतावनी संकेत हो सकता है।इसके साथ-साथ भूख में कमी और चेहरे पर पीलापन जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।

6. पेशाब या मल त्याग में समस्या

कैंसर बढ़ने पर यह गर्भाशय के आसपास के अन्य अंगों जैसे मूत्राशय (Bladder) या आंतों पर दबाव डाल सकता है।इससे पेशाब करने में जलन, बार-बार पेशाब लगना या मल त्याग में कठिनाई जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

कभी-कभी पेशाब या मल में खून के निशान भी दिखाई दे सकते हैं।अगर यह लक्षण बार-बार दोहराए जा रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि कैंसर अपनी सीमा से बाहर फैलने लगा है।

गर्भाशय कैंसर के कारण और जोखिम कारक

गर्भाशय कैंसर का कोई एक कारण नहीं होता, लेकिन कुछ स्थितियाँ और आदतें इसके खतरे को बढ़ा देती हैं।

1. हार्मोनल असंतुलन

अगर शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन की मात्रा अधिक हो जाए और प्रोजेस्टेरोन कम हो, तो यह कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।

2. मोटापा

मोटे महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर अधिक होता है, जो गर्भाशय की परत पर प्रभाव डाल सकता है और कैंसर की संभावना बढ़ा सकता है।

3. मधुमेह (Diabetes)

डायबिटीज वाले लोगों में गर्भाशय कैंसर का खतरा अपेक्षाकृत अधिक होता है।

4. रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोन थेरेपी

कुछ महिलाएं मेनोपॉज के बाद हार्मोन थेरेपी लेती हैं। अगर इसमें केवल एस्ट्रोजन दिया जाता है, तो यह गर्भाशय कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।

5. पारिवारिक इतिहास

अगर परिवार में किसी महिला को गर्भाशय, अंडाशय या कोलन कैंसर हुआ है, तो यह आनुवंशिक रूप से आगे बढ़ सकता है।

गर्भाशय कैंसर का निदान (Diagnosis of Uterus Cancer)

अगर डॉक्टर को गर्भाशय कैंसर के लक्षण दिखें, तो वे कुछ परीक्षण सुझा सकते हैं:

  • पेल्विक एग्जामिनेशन: डॉक्टर गर्भाशय के आकार और किसी असामान्य गांठ की जांच करते हैं।
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): इससे गर्भाशय की परत की मोटाई और संरचना पता चलती है।
  • बायोप्सी (Biopsy): गर्भाशय की परत से एक छोटा टिशू सैंपल लेकर जांच की जाती है कि उसमें कैंसर कोशिकाएं हैं या नहीं।
  • CT या MRI स्कैन: कैंसर कितना फैला है, इसका पता लगाने के लिए किया जाता है।

इलाज के बाद की देखभाल (Post-Treatment Care)

इलाज के बाद शरीर को रिकवरी में समय लगता है। ऐसे में ध्यान रखें:

  • हल्का और पौष्टिक भोजन लें
  • मानसिक तनाव से बचें
  • नियमित रूप से डॉक्टर से फॉलोअप करें
  • शरीर में किसी नई परेशानी को तुरंत रिपोर्ट करें

व्यायाम और मेडिटेशन से शरीर को मजबूत बनाएं

आज ही परामर्श लें

गर्भाशय कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर पहचान और सही इलाज से इसे पूरी तरह हराया जा सकता है।

अगर आपको गर्भाशय कैंसर के लक्षण जैसे असामान्य ब्लीडिंग, पेट दर्द या थकान महसूस हो रही है, तो इसे अनदेखा न करें। शुरुआती जांच ही जीवन बचा सकती है।

गर्भाशय कैंसर के बेहतरीन इलाज और विशेषज्ञ देखभाल के लिए Oncare Cancer Hospital एक विश्वसनीय नाम है, जहाँ आधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों की टीम हर मरीज को संवेदनशील और प्रभावी उपचार प्रदान करती है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

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