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पुरुषों में कैंसर के लक्षण: जानें कब डॉक्टर से संपर्क करें
आप काम पर लगे हैं, रोजमर्रा की जिंदगी चल रही है, अचानक पेट में लगातार दर्द, कभी अचानक वजन घटना, या खाँसी जो सुकून नहीं देती इन चीजों को हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं। सोचते हैं शायद मौसम बदल गया होगा, शायद कुछ खाने से हुआ होगा। लेकिन क्या हो अगर ये छोटी-छोटी बातें किसी बड़ी बीमारी की शुरुआत हों? क्या होगा यदि समय रहते पहचान लिए जाए तो जीवन बचाया जा सके?
पुरुषों में कैंसर के शुरुआती संकेत अक्सर बहुत सामान्य लग सकते हैं, लेकिन इन्हें नज़रअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए Symptoms of Cancer in Men in Hindi यानी पुरुषों में कैंसर के लक्षणों को जानना बेहद ज़रूरी है। पुरुषों को विशेष रूप से यह समझना चाहिए कि शरीर से आने वाले संकेतों को नजरअंदाज न करें, क्योंकि कैंसर अक्सर शुरू में छुपा हुआ होता है, और जब लक्षण दिखते हैं तो बीमारी कुछ हद तक बढ़ चुकी होती है।
इस लेख में हम जानेंगे कि पुरुषों में कैंसर के कौन से लक्षण हो सकते हैं, किस अवस्था में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, और कैसे सावधानी बरत कर इस बीमारी को रोका जा सकता है।
पुरुषों में कैंसर क्या है
कैंसर ऐसा रोग है जिसमें शरीर की कोशिकाएँ अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं और अन्य कोशिकाओं के बीच से फैल सकती हैं। पुरुषों में विभिन्न प्रकार के कैंसर हो सकते हैं जैसे फेफड़े का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, कोलन एवं मलाशय कैंसर, त्वचा कैंसर, मुँह, गले एवं लार ग्रंथि कैंसर आदि। हर प्रकार के कैंसर की शुरुआत अलग तरह से होती है और लक्षण भी भिन्न हो सकते हैं। लेकिन कुछ सामान्य संकेत हैं जो शरीर आपको देता है जब कुछ असामान्य हो रहा हो। समय रहते समझना और इलाज शुरू करना जीवन बचाने वाला कदम होता है।
पुरुषों में कैंसर के लक्षण (Symptoms of cancer in men in hindi)
कैंसर के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य संकेत ऐसे होते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। अगर निम्न में से कोई भी लक्षण लगातार दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बना हुआ हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है।
1. अचानक और अनचाहा वजन घटना
यदि आप बिना किसी डाइट या एक्सरसाइज के अचानक 5 से 10 किलो तक वजन कम कर रहे हैं, तो यह एक चेतावनी संकेत हो सकता है। यह शरीर में किसी गंभीर बीमारी, विशेषकर कैंसर, की शुरुआत का इशारा हो सकता है। खासकर यदि आप सामान्य रूप से खा-पी रहे हों और फिर भी वजन तेजी से गिर रहा हो।
2. लगातार थकान और कमजोरी
अगर आपको हर समय थकावट महसूस होती है, शरीर भारी लगता है, आराम करने के बाद भी कमजोरी जाती नहीं, तो इसे हल्के में न लें। यह किसी अंदरूनी रोग, जैसे ल्यूकेमिया या अन्य कैंसर की वजह से हो सकता है। जब शरीर की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, तो ऊर्जा की खपत अधिक होती है, जिससे कमजोरी बनी रहती है।
3. लगातार बुखार, रात को पसीना या ठंड लगना
अगर बिना किसी इंफेक्शन के आपको लगातार बुखार आता है, या रात में बहुत पसीना आता है, या बार-बार ठंड लगती है, तो यह सामान्य सर्दी-ज़ुकाम नहीं हो सकता। यह शरीर में चल रहे किसी गंभीर संक्रमण या कैंसर (विशेषकर ब्लड कैंसर) का संकेत हो सकता है।
4. शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन
कैंसर के सामान्य लक्षणों में से एक है शरीर के किसी हिस्से में गांठ बनना या सूजन होना। जैसे गले, गर्दन, जांघ, कोहनी या अंडकोष में कोई ठोस गांठ जो समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ रही हो। अगर वह गांठ दबाने पर दर्द करती है या उसके ऊपर की त्वचा का रंग बदल रहा है, तो तुरंत जांच की जरूरत होती है।
5. खांसी या खून आना
अगर खांसी कई हफ्तों से बनी हुई है और दवाओं से ठीक नहीं हो रही, या खांसी या बलगम के साथ खून आ रहा है, तो यह फेफड़ों या गले के कैंसर का संकेत हो सकता है। इसी तरह, पेशाब या मल में खून आना भी गंभीर समस्या का संकेत है।
6. पाचन तंत्र में बदलाव
पेट दर्द, कब्ज, गैस, दस्त, या मल के रंग या आकार में बदलाव यह सब आंत या मलाशय से जुड़े कैंसर के संकेत हो सकते हैं। खासकर यदि मल में खून दिखे, पतलापन आए, या पेट फूला हुआ लगे, तो डॉक्टर से परामर्श लें।
7. पेशाब से जुड़ी समस्याएं
बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन या दर्द, पेशाब की धार कमजोर पड़ना, या रंग बदलना ये सब प्रोस्टेट कैंसर या मूत्राशय कैंसर के संभावित संकेत हो सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
8. सेक्सुअल अंगों में बदलाव
अगर अंडकोष में सूजन, भारीपन या गांठ महसूस हो रही हो, या लिंग की त्वचा पर कोई असामान्य घाव, लालिमा, खुजली या बदलाव नजर आ रहा हो, तो इसे अनदेखा न करें। ये टेस्टिकुलर कैंसर या पेनाइल कैंसर के संकेत हो सकते हैं, जिनका समय पर इलाज संभव है।
कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए
लक्षणों की उपेक्षा न करें, विशेष रूप से यदि वे दो हफ्ते से अधिक समय तक बनी हों। किसी भी अचानक परिवर्तन को हल्के में न लें। अगर आप देखते हैं कि आपके शरीर में कोई गाँठ हो गई है, जो पिछले कुछ हफ्तों में धीरे-धीरे बढ़ी हो; या खांसी हो रही हो, और गले में खराश लंबे समय से बनी हो; या वजन बहुत तेजी से घटा हो; या कोई रक्तस्राव हो तो तत्काल चिकित्सा सलाह लेना चाहिए। ये संकेत कैंसर के शुरुआती चरण का हो सकते हैं जब इलाज सबसे प्रभावी हो।
यदि किसी पुरुष के परिवार में कैंसर का इतिहास हो, विशेषकर फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलन या त्वचा कैंसर का, तो उसे विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए और नियमित जांच करानी चाहिए। 40 से 50 वर्ष की उम्र के बाद शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस उम्र के बाद कई प्रकार के कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में नियमित स्वास्थ्य जांच, लैब टेस्ट, इमेजिंग और स्क्रीनिंग बेहद जरूरी हो जाती है। भले ही मैमोग्राफी महिलाओं में ज्यादा आम हो, लेकिन पुरुषों के लिए प्रोस्टेट की जांच, कोलोनोस्कोपी और अन्य आवश्यक स्क्रीनिंग टेस्ट भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।
रोकथाम और सतर्कता
कैंसर पूरी तरह से नहीं रोका जा सकता हर स्थिति में, लेकिन बहुत सी स्थितियों में रोकथाम संभव है। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ। धूम्रपान न करें और शराब का सेवन सीमित करें। पौष्टिक खाना खाएँ, जिसमें फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज हों। नियमित शारीरिक गतिविधि करें। धूप से उचित सुरक्षा लें त्वचा कैंसर रोकने के लिए सनस्क्रीन उपयोग करें और प्रत्यक्ष सूर्य से बचें। यदि किसी विशिष्ट प्रकार के कैंसर के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो जैसे हेपेटाइटिस बी या HPV, तो डॉक्टर की सलाह पर ले। समय-समय पर मेडिकल स्क्रीनिंग कराएँ कोलोनोस्कोपी, प्रोस्टेट जांच, फेफड़ों की इमेजिंग यदि धूम्रपानकर्ता हों, आदि। और सबसे महत्वपूर्ण, शरीर के छोटे-छोटे बदलावों पर ध्यान दें, जो कि दर्द, गाँठ, वजन, पेशाब, खून, आवाज आदि में हों।
आज ही परामर्श लें
पुरुषों में कैंसर अक्सर धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन यदि Symptoms of Cancer in Men in Hindi यानी पुरुषों में कैंसर के शुरुआती लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर इलाज शुरू किया जाए, तो परिणाम काफी बेहतर हो सकते हैं। शरीर किसी मशीन की तरह है यदि कोई खटखटाहट हो या आवाज आए, तो वह हमें चेतावनी देता है। हमें उस चेतावनी को सुनना चाहिए। आपकी जिंदगी के लिए छोटी सी सावधानी बड़ी भूमिका निभा सकती है।
यदि आप या आपके किसी प्रियजन को Symptoms of Cancer in Men in Hindi में बताए गए किसी भी लक्षण का सामना हो रहा है, तो Oncare Cancer Hospital में विशेषज्ञ चिकित्सक, उन्नत जांच उपकरण और मरीजों की देखभाल की पूरी टीम मौजूद है। यहां समय रहते इलाज मिलने की सुविधा है और रोगी को उचित मार्गदर्शन मिल सकता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
नहीं, हर गांठ कैंसर नहीं होती। कई गांठ सिस्ट, सूजन या संक्रमण के कारण होती हैं। लेकिन यदि गांठ लंबे समय तक बनी रहे, बढ़े, दर्द दे या किसी अन्य बदलाव के साथ हो, तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
हाँ, उम्र के साथ कैंसर का खतरा बढ़ता है क्योंकि शरीर की कोशिकाएँ समय के साथ बदलावों से प्रभावित होती हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। लेकिन युवाओं में भी हो सकता है, विशेष रूप से यदि असुरक्षित जीवनशैली या आनुवंशिक सामर्थ्य हो।
हाँ, संतुलित आहार जिसमें ताजी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और कम वसा वाला खाना शामिल हो, शरीर को मजबूत बनाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और कैंसर के जोखिम को कम करता है।
स्क्रीनिंग और नियमित जांच पूरी तरह बचाव नहीं कर सकते हैं, लेकिन वे समय रहते कैंसर के शुरुआती चरण को पकड़ने में मदद करते हैं, जिससे इलाज आसान और सफल हो जाता है।
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