Table of Contents
क्या कैंसर छूने से फैलता है? सही जानकारी जानिए
जब किसी को कैंसर होता है, तो उसके आसपास के लोग अक्सर डर जाते हैं। कई बार समाज में यह सवाल उठता है क्या कैंसर छूने से फैलता है? यह भ्रम इतना आम है कि लोग कैंसर मरीज के पास बैठने, उसके बर्तन इस्तेमाल करने या उसे छूने से भी डरते हैं।
लेकिन सच्चाई यह है कि कैंसर छूने से नहीं फैलता। यह कोई संक्रामक बीमारी नहीं है जैसे सर्दी-जुकाम, फ्लू या टीबी। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की अंदरूनी कोशिकाओं में होने वाले बदलाव (mutation) की वजह से होती है, न कि किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क से।
आज इस लेख में हम बहुत सरल भाषा में समझेंगे कि कैंसर क्या है, क्या यह छूने से फैल सकता है, और कैंसर मरीज के साथ व्यवहार करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि डर और दूरी की जगह हमें समझ और सहानुभूति की जरूरत है।
कैंसर क्या होता है?
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कोशिकाएं (cells) नियंत्रण से बाहर बढ़ने लगती हैं। सामान्य कोशिकाएं एक निश्चित समय पर बनती हैं, काम करती हैं और फिर मर जाती हैं। लेकिन जब ये कोशिकाएं मरने की बजाय लगातार बढ़ती रहती हैं, तो गांठ (tumor) या असामान्य ऊतक (abnormal tissue) बना लेती हैं।
अगर ये कोशिकाएं शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल जाएं, तो इसे मेटास्टेसिस (Metastasis) कहा जाता है। यही कैंसर की सबसे गंभीर अवस्था होती है।
क्या कैंसर छूने से फैलता है?
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो सुनते ही मन में डर पैदा कर देती है। अक्सर लोग सोचते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को कैंसर है, तो उसके पास बैठने, उसे छूने या उसका सामान इस्तेमाल करने से कहीं यह बीमारी हमें भी न हो जाए। यह डर पूरी तरह से गलतफहमी पर आधारित है, क्योंकि कैंसर छूने से नहीं फैलता। यह कोई संक्रामक (Infectious) या छूत की बीमारी (Contagious Disease) नहीं है।
कैंसर के न फैलने के कई वैज्ञानिक और चिकित्सीय कारण हैं। आइए बहुत आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर क्यों नहीं फैलता कैंसर छूने से, और क्यों कैंसर मरीज के साथ रहना पूरी तरह सुरक्षित है।
1. कैंसर कोशिकाएं शरीर के अंदरूनी बदलाव से बनती हैं
कैंसर का सबसे बड़ा कारण शरीर के अंदर होने वाले आनुवंशिक (genetic) और जैविक बदलाव (biological changes) हैं। जब किसी व्यक्ति की शरीर की कोशिकाएं (cells) असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और मरने के बजाय लगातार विभाजित होती रहती हैं, तो कैंसर पैदा होता है।
इस प्रक्रिया में कोई बाहरी तत्व, जैसे कि वायरस या बैक्टीरिया, सीधे तौर पर शामिल नहीं होते (सिवाय कुछ विशेष मामलों के जैसे HPV या Hepatitis वायरस)। यानी, कैंसर पूरी तरह से व्यक्ति के अंदर की कोशिकाओं का रोग है।
इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति किसी कैंसर मरीज को छूता है या उसके संपर्क में आता है, तो उसे कैंसर नहीं होगा, क्योंकि ये कोशिकाएं किसी और के शरीर में जाकर जीवित नहीं रह सकतीं।
हर व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) और जैविक संरचना अलग होती है, इसलिए एक व्यक्ति की कैंसर कोशिकाएं दूसरे के शरीर में पनप ही नहीं सकतीं। यही कारण है कि कैंसर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में “ट्रांसफर” नहीं होता।
2. कैंसर खून, हवा या त्वचा के संपर्क से नहीं फैलता
कई लोग सोचते हैं कि कैंसर मरीज के साथ रहने से या उसके साथ खाने-पीने से कैंसर फैल सकता है।लेकिन सच्चाई यह है कि कैंसर किसी भी प्रकार के सीधे संपर्क से नहीं फैलता।
उदाहरण के लिए:
- अगर आप किसी कैंसर मरीज के साथ खाना खाते हैं, तो कोई खतरा नहीं।
- अगर आप उन्हें गले लगाते हैं, हाथ मिलाते हैं या उनके पास बैठते हैं, तब भी कैंसर नहीं फैलता।
- यहां तक कि उनके कपड़े या बर्तन इस्तेमाल करने से भी कैंसर नहीं होता।
कैंसर और संक्रामक बीमारियों जैसे सर्दी-जुकाम, टीबी या कोविड में अंतर यह है कि वे बीमारियां वायरस या बैक्टीरिया से होती हैं, जो हवा, छींक या खांसी के जरिए फैल सकते हैं। लेकिन कैंसर कोई संक्रमण (infection) नहीं है, इसलिए यह खून, हवा, त्वचा या सांस से नहीं फैल सकता।
यह शरीर के अंदर एक खास प्रकार की कोशिकाओं का असामान्य व्यवहार है, जो केवल उसी व्यक्ति के शरीर में सीमित रहता है।
3. प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) कैंसर कोशिकाओं को रोकती है
मान लीजिए, किसी कारणवश कैंसर की कुछ कोशिकाएं किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाएं जैसे कि अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) या खून चढ़ाने (blood transfusion) की स्थिति में तब भी यह जरूरी नहीं कि कैंसर फैल जाए।
ऐसा इसलिए क्योंकि हर व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) बेहद मजबूत होती है। यह हमारे शरीर में किसी भी बाहरी या हानिकारक कोशिका को पहचानकर उसे नष्ट कर देती है। कैंसर कोशिकाएं जब किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंचती हैं, तो प्रतिरक्षा प्रणाली उन्हें “अजनबी” मानकर तुरंत खत्म कर देती है।
केवल बहुत दुर्लभ मामलों में, जब किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर होती है (जैसे कि HIV मरीजों में), तभी ऐसी कोशिकाएं थोड़ी देर तक जीवित रह सकती हैं। लेकिन यह भी अत्यंत दुर्लभ स्थिति है और सामान्य जीवन में ऐसा होना लगभग असंभव है।
इसलिए, कैंसर का किसी व्यक्ति से दूसरे में संपर्क के जरिए फैलना वैज्ञानिक रूप से असंभव है।
4. कैंसर के मरीज के साथ रहना पूरी तरह सुरक्षित है
कई बार लोग डर के कारण कैंसर मरीजों से दूरी बना लेते हैं। वे सोचते हैं कि उनके साथ रहना, खाना खाना या बातचीत करना खतरनाक हो सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि कैंसर मरीज के साथ रहना पूरी तरह सुरक्षित है।
आप उन्हें छू सकते हैं, गले लगा सकते हैं, उनके पास बैठ सकते हैं या उनकी देखभाल कर सकते हैं इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा। बल्कि, आपका स्नेह और भावनात्मक समर्थन उनके लिए दवा से भी ज्यादा असरदार साबित होता है।
कैंसर मरीज अक्सर शारीरिक पीड़ा के साथ-साथ मानसिक तनाव और सामाजिक अलगाव से भी गुजरते हैं। अगर समाज उन्हें छूने या पास आने से डरता है, तो यह उनके मनोबल को और तोड़ देता है। इसलिए, उनकी बीमारी से नहीं, बल्कि उनकी भावनाओं से जुड़ना जरूरी है।
आपका प्यार, सहयोग और आत्मीयता कैंसर मरीज को बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा देती है।
5. वैज्ञानिक दृष्टि से निष्कर्ष
वैज्ञानिक और चिकित्सा अनुसंधानों ने यह बात बार-बार साबित की है कि कैंसर छूने से नहीं फैलता। यह कोई वायरस, बैक्टीरिया या फंगस से होने वाला संक्रमण नहीं है, बल्कि यह शरीर की कोशिकाओं के डीएनए (DNA) में हुए बदलावों की वजह से होता है।
इसलिए:
- आप कैंसर मरीज के साथ बिना डर के रह सकते हैं।
- आप उन्हें छू सकते हैं, उनके बर्तन इस्तेमाल कर सकते हैं, या उनकी देखभाल कर सकते हैं।
- कैंसर मरीज को किसी तरह की सामाजिक दूरी या अलगाव की जरूरत नहीं होती।
कैंसर को लेकर आम भ्रांतियां (Misconceptions)
समाज में कैंसर को लेकर कई गलतफहमियां फैली हुई हैं। आइए इन्हें समझते हैं और सच्चाई जानें:
1. क्या कैंसर हवा से फैलता है?
नहीं। कैंसर हवा, खांसी, छींक या सांस के जरिए नहीं फैलता।
2. क्या कैंसर छूने या पास बैठने से फैलता है?
नहीं। आप कैंसर मरीज को छू सकते हैं, उनका हाथ पकड़ सकते हैं और उनके पास रह सकते हैं।
3. क्या कैंसर के बर्तन या कपड़े इस्तेमाल करने से कैंसर फैलता है?
नहीं। कैंसर किसी वस्तु या कपड़ों के जरिए नहीं फैलता।
4. क्या ब्लड ट्रांसफ्यूजन से कैंसर फैल सकता है?
नहीं। ब्लड बैंक में खून की पूरी जांच की जाती है, इसलिए इस तरीके से कैंसर का फैलना असंभव है।
5. क्या कैंसर के इलाज कराने वाले व्यक्ति से भी खतरा होता है?
नहीं। इलाज के दौरान भी यह बीमारी दूसरों में नहीं फैलती।
आज ही परामर्श लें
कैंसर के बारे में डर और गलतफहमियां लोगों के मन में गहरी जड़ें जमा चुकी हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि कैंसर छूने से नहीं फैलता। यह कोई संक्रामक रोग नहीं, बल्कि शरीर की कोशिकाओं में हुए बदलाव का परिणाम है।
इसलिए, कैंसर मरीज से दूरी बनाने के बजाय उनका सहयोग और प्यार देना जरूरी है। जागरूकता, समय पर जांच और सही इलाज ही कैंसर से लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार है।
अगर आप बेहतरीन कैंसर उपचार की तलाश में हैं, तो OnCare Cancer Hospital आपकी उम्मीद का केंद्र है जहां इलाज के साथ-साथ संवेदना और भरोसा भी मिलता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
नहीं, कैंसर छूने या पास बैठने से नहीं फैलता। यह कोई छूत की बीमारी नहीं है।
नहीं, कैंसर किसी वस्तु या कपड़े के संपर्क से नहीं फैलता।
नहीं, कैंसर खून या लार से नहीं फैलता। हां, कुछ वायरस (जैसे Hepatitis B या HPV) फैल सकते हैं, लेकिन वे कैंसर नहीं हैं।
हाँ, स्वस्थ जीवनशैली, टीकाकरण, और नियमित जांच से कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।
Book an Appointment
Related Blogs

How is Oncare Cancer Centre Different from Other Day Care Centres for Cancer Care?
Learn how Oncare Cancer Centre stands out as a trusted Cancer Treatment Centre with expert doctors, modern-day care treatment, and strong patient support.

Lisa Ray’s Cancer Journey That Redefined Strength and Beauty
Discover more about Lisa Ray’s cancer treatment journey and life-changing multiple myeloma diagnosis and understanding the role of emotional healing and mind-body balance!

Breast Cancer Lumpectomy vs Mastectomy: What’s the Difference?
Discover more about breast cancer surgeries, understanding lumpectomy and mastectomy and their advantages, challenges, and their emotional and psychological impact.

Chhavi Mittal’s Cancer Recovery Story: Positivity in Pain
Discover more about Chhavi Mittal’s breast cancer treatment, how she recovered from breast cancer, and how she found strength from uncertainty and life beyond cancer!

