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आंत के कैंसर के लक्षण: पेट दर्द से लेकर वजन घटने तक
कल्पना कीजिए, आपको अक्सर पेट में दर्द होता है, जो कम नहीं होता। खाना खाने के बाद पेट भारी लगता है, भूख कम हो जाती है, और धीरे-धीरे आपका वजन भी घटने लगता है। शुरुआत में आप इसे आम पेट की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आंत के कैंसर (intestine cancer symptoms in hindi) के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं? भारत में आंत के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए इसे समझना और समय पर पहचानना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम जानेंगे आंत के कैंसर के कारण, लक्षण, निदान, बचाव और उपचार के बारे में आसान भाषा में।
आंत का कैंसर क्या है?
आंत (Intestine) मानव शरीर का वह हिस्सा है जो भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करता है और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। आंत मुख्यतः दो हिस्सों में बटी होती है — छोटी आंत (Small Intestine) और बड़ी आंत (Large Intestine)। आंत का कैंसर तब होता है जब आंत की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि हो जाती है और ये कोशिकाएँ ट्यूमर बना लेती हैं।
आंत के कैंसर के दो मुख्य प्रकार होते हैं:
- कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer): जो बड़ी आंत और मलाशय (rectum) में होता है।
- स्मॉल इंटेस्टाइन कैंसर (Small Intestine Cancer): जो छोटी आंत में होता है, यह दुर्लभ होता है।
भारत में आंत के कैंसर की बढ़ती घटनाएँ
भारत में आंत के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह कैंसर खासकर शहरी क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिलता है, जहाँ अस्वस्थ खान-पान, तनाव, और प्रदूषण जैसे कारक बढ़ रहे हैं।
- आंकड़े: भारत में कोलोरेक्टल कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों में पांचवे सबसे अधिक पाए जाने वाले कैंसर में से एक है।
- आयु: यह आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिक होता है, लेकिन हाल के वर्षों में युवा भी प्रभावित हो रहे हैं।
- लिंग: पुरुषों में महिलाओं की तुलना में आंत के कैंसर की दर थोड़ी अधिक पाई जाती है।
आंत के कैंसर के लक्षण (Intestine Cancer Symptoms in Hindi)
आंत का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो शुरुआत में सामान्य पेट की समस्याओं की तरह दिख सकती है। इसलिए इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन समय रहते इसके लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी होता है। अगर ये लक्षण लगातार बने रहें या बढ़ने लगें, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे आंत के कैंसर के महत्वपूर्ण लक्षणों को ताकि आप समय पर सावधानी बरत सकें।
1. पेट में लगातार दर्द या ऐंठन
आंत के कैंसर का सबसे पहला और आम लक्षण होता है पेट में लगातार दर्द या ऐंठन होना। यह दर्द भोजन के बाद ज्यादा महसूस हो सकता है या पूरे दिन बना रह सकता है। जब आंत में ट्यूमर विकसित होता है, तो वह आसपास के ऊतकों पर दबाव डालता है, जिससे दर्द होता है।
यह दर्द अक्सर तेज या कम तीव्रता वाला हो सकता है, लेकिन जो लगातार बना रहता है। कई बार लोग इसे सामान्य गैस, एसिडिटी या पेट के अन्य मामूली संक्रमण के कारण समझकर घरेलू इलाज कर लेते हैं। लेकिन अगर दर्द हफ्तों तक बना रहे और ठीक न हो तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
2. खाना पचाने में दिक्कत
आंत के कैंसर में पेट भारी महसूस होना, एसिडिटी, बार-बार उल्टी होना जैसे लक्षण भी होते हैं। कैंसर के कारण आंत की नली में रुकावट या सूजन हो जाती है, जिससे भोजन सही तरह से पच नहीं पाता। इससे भोजन के बाद भारीपन या जलन महसूस हो सकती है।
एसिडिटी या हार्टबर्न (गैस्ट्रिक जलन) की शिकायत भी बढ़ सकती है, जो बार-बार दस्त या कब्ज की वजह से और ज्यादा परेशान करती है।
3. कब्ज़ या दस्त में बदलाव
आंत के कैंसर का एक प्रमुख संकेत कब्ज़ या दस्त में बदलाव है। यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक कब्ज़ रहती है या बार-बार दस्त होते हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
कुछ मरीजों को दोनों समस्याएं होती हैं कभी कब्ज़, तो कभी दस्त। यह आंत की कोशिकाओं में होने वाले असामान्य बदलाव का परिणाम हो सकता है। इसके अलावा मलत्याग की आदतों में अचानक बदलाव, मल त्याग में कठिनाई या मल की आकृति का बदलना भी गंभीर संकेत हो सकता है।
4. मल में रक्त आना
मल के साथ खून आना आंत के कैंसर का सबसे महत्वपूर्ण और स्पष्ट लक्षण माना जाता है। इस रक्त के रंग में भिन्नता हो सकती है। कभी यह चमकीला लाल रंग का होता है, जो आंत की नली के नजदीक के भाग से खून आ रहा होता है। कभी यह गाढ़ा या काला हो सकता है, जो आंत के गहरे हिस्सों से खून आने का संकेत देता है।
मल में खून आना आमतौर पर खून की कमी (एनीमिया) की ओर भी इशारा करता है, जिससे व्यक्ति कमजोर महसूस करता है। अगर आपको मल में रक्त दिखाई दे, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
5. वजन में अचानक गिरावट
बिना किसी खास कारण के अचानक वजन कम होना भी आंत के कैंसर का एक गंभीर लक्षण होता है। जब शरीर में कैंसर होता है, तो वह शरीर की पोषण संबंधी क्रियाओं को प्रभावित करता है।
कैंसर के कारण भूख कम हो जाती है और शरीर अपने सामान्य तरीके से पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता। साथ ही, कैंसर की वजह से शरीर में सूजन और विषाक्त पदार्थ बढ़ते हैं, जो वजन कम करने का कारण बनते हैं।
यह लक्षण विशेष रूप से तब ध्यान देने योग्य होता है जब व्यक्ति बिना डाइट बदले या व्यायाम किए वजन घटा रहा हो।
6. बार-बार थकान या कमजोरी
आंत के कैंसर के कारण शरीर में रक्त की कमी (एनीमिया) हो सकती है, जो बार-बार थकान और कमजोरी का कारण बनती है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी इसे और बढ़ा देती है।
इस कमजोरी के कारण व्यक्ति कामकाज में मन नहीं लगाता, अक्सर थका-थका सा महसूस करता है, और सामान्य कार्य करने में भी कठिनाई होती है।
अगर थकान लंबे समय तक बनी रहती है और विश्राम से भी ठीक नहीं होती, तो यह गंभीर लक्षण हो सकता है।
7. भूख कम लगना और पेट फूलना
आंत के कैंसर में भूख में कमी और पेट फूलने की समस्या आम है। ट्यूमर या सूजन की वजह से पेट में भारीपन और असहजता महसूस होती है।
भूख कम लगने से भोजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे पोषण की कमी होती है और वजन घटने लगता है। पेट फूलना गैस, कब्ज या आंत में ब्लॉकेज की वजह से हो सकता है।
आज ही परामर्श लें
आंत का कैंसर एक गंभीर लेकिन समय रहते पहचान और इलाज से नियंत्रित की जा सकने वाली बीमारी है। पेट में लगातार दर्द, मल में खून आना, वजन घटना, कब्ज़ या दस्त में बदलाव, और बार-बार कमजोरी जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। सही समय पर डॉक्टर से संपर्क करना और आवश्यक जांच कराना बेहद महत्वपूर्ण है।
साथ ही, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तंबाकू, शराब से बचाव जैसी सावधानियों को अपनाकर इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है। यदि आप या आपके परिवार में किसी को आंत के कैंसर के लक्षण महसूस हो रहे हों, तो Oncare Cancer Hospital में विशेषज्ञ डॉक्टर और आधुनिक तकनीकों के साथ बेहतरीन इलाज उपलब्ध है।
Oncare Cancer Hospital आपके स्वास्थ्य की चिंता करता है और हर मरीज को व्यक्तिगत ध्यान देकर बेहतर जीवन सुनिश्चित करता है। समय रहते सही इलाज से आप इस बीमारी को मात दे सकते हैं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
जी हां, यदि समय पर पहचान हो जाए तो इलाज संभव है। प्रारंभिक अवस्था में सर्जरी से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
पेट दर्द, कब्ज़ या दस्त में बदलाव, मल में रक्त आना, वजन कम होना आदि लक्षण होते हैं।
हाँ, 50 वर्ष के बाद इसका खतरा अधिक होता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है।
स्वस्थ और संतुलित आहार, ज्यादा फाइबर और कम फैटी भोजन से बचाव संभव है।
तंबाकू और शराब का सेवन इस कैंसर का बड़ा कारण है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
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