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कीमोथेरेपी के दौरान होने वाले सामान्य साइड इफेक्ट्स

कल्पना कीजिए कि आप ज़िंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और यह लड़ाई किसी बाहर के दुश्मन से नहीं, बल्कि आपके अपने शरीर से है। कैंसर ऐसी ही एक जंग है, जो शरीर और मन दोनों को थका देती है।
इस लड़ाई में कीमोथेरेपी एक बड़ी उम्मीद बनकर सामने आती है। यह इलाज कैंसर की कोशिकाओं को मारने में मदद करता है, लेकिन इसके साथ कई बार शरीर को झेलनी पड़ती है कुछ परेशानियाँ, जिन्हें हम साइड इफेक्ट्स कहते हैं।
कई बार लोग शरीर के छोटे-छोटे संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं : जैसे लगातार थकान रहना, जी मचलाना, मुंह में छाले या खाना बेस्वाद लगना। यही छोटी बातें बाद में बड़ी परेशानी का कारण बन सकती हैं।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कीमोथेरेपी क्या होती है, इसके सामान्य साइड इफेक्ट्स कौन-कौन से हैं और आप इनसे कैसे निपट सकते हैं वह भी आसान भाषा में।
कीमोथेरेपी क्या होती है?
कीमोथेरेपी (Chemotherapy) कैंसर के इलाज की एक विधि है, जिसमें दवाओं की मदद से शरीर में तेजी से बढ़ रही कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। ये दवाएं खून के ज़रिए पूरे शरीर में फैलती हैं और उन कोशिकाओं पर हमला करती हैं जो बिना रोकटोक के बढ़ रही होती हैं।
लेकिन दिक्कत यह है कि ये दवाएं सिर्फ कैंसर कोशिकाओं को नहीं, बल्कि कुछ स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं जैसे बालों की जड़ें, पाचन तंत्र की परत और खून बनाने वाली कोशिकाएं। यही कारण है कि कीमोथेरेपी के दौरान और कई बार इलाज के बाद भी कई प्रकार के साइड इफेक्ट्स दिखाई देते हैं।
कीमोथेरेपी के दौरान होने वाले सामान्य साइड इफेक्ट्स
कीमोथेरेपी कैंसर का एक सामान्य और असरदार इलाज है। यह दवाओं के ज़रिए शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने का काम करती है। लेकिन ये दवाएं सिर्फ कैंसर की कोशिकाओं पर ही नहीं, बल्कि शरीर की दूसरी सामान्य कोशिकाओं पर भी असर डाल सकती हैं। खासकर वे कोशिकाएं जो तेजी से बढ़ती हैं, जैसे बालों की जड़ें, खून की कोशिकाएं और पाचन तंत्र की परत।
इसी वजह से कीमोथेरेपी के दौरान कुछ आम समस्याएं देखने को मिलती हैं, जिन्हें साइड इफेक्ट्स कहा जाता है। इन साइड इफेक्ट्स से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि इन्हें समय रहते समझकर सही देखभाल से कम किया जा सकता है।
1. थकान या कमजोरी
कीमोथेरेपी के मरीजों को अक्सर पूरे दिन थकान महसूस होती है। बिना कुछ किए भी शरीर भारी लगता है और आराम करने का मन करता है। यह इस इलाज का सबसे आम असर है।
क्या करें: भरपूर आराम करें। जरूरत से ज्यादा न सोएं, लेकिन शरीर को जितना चाहिए उतना आराम दें। पौष्टिक खाना खाएं और दिन में थोड़ी-थोड़ी देर टहलना फायदेमंद हो सकता है।
2. मितली आना और उल्टी होना
इलाज के कुछ समय बाद मरीज को जी मचलाने लगता है और उल्टी भी हो सकती है। कुछ लोगों को यह तुरंत होता है, कुछ को इलाज के कुछ घंटे बाद।
क्या करें: डॉक्टर की सलाह से उल्टी रोकने की दवाएं लें। हल्का और सादा खाना खाएं। गरिष्ठ या बहुत तैलीय भोजन से बचें। थोड़ा-थोड़ा करके खाना खाएं।
3. बाल झड़ना
कीमोथेरेपी के दौरान सिर के बाल झड़ना आम बात है। कुछ लोगों के भौंहों और पलकों के बाल भी गिर सकते हैं। हालांकि हर दवा से ऐसा नहीं होता, लेकिन अधिकतर मामलों में बाल गिर सकते हैं।
क्या करें: बाल गिरना अस्थायी होता है। इलाज खत्म होने के कुछ हफ्तों बाद बाल वापस आ जाते हैं। चाहें तो स्कार्फ या टोपी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. मुंह में छाले
कुछ मरीजों के मुंह में छाले या घाव हो सकते हैं। इससे खाने-पीने में तकलीफ होती है और दर्द भी महसूस होता है।
क्या करें: नमक वाले गुनगुने पानी से दिन में 2-3 बार कुल्ला करें। मसालेदार, गरम और खट्टे भोजन से बचें। मुलायम और ठंडा खाना खाएं।
5. भूख कम लगना और स्वाद बदल जाना
कीमोथेरेपी के कारण खाने का स्वाद बदल जाता है। खाना बेस्वाद या कड़वा लग सकता है। भूख भी कम हो जाती है।
क्या करें: थोड़ा-थोड़ा करके खाना खाएं। खुशबूदार और रंग-बिरंगा खाना भूख बढ़ाने में मदद करता है। मनपसंद चीजें खाएं और जब भूख लगे तभी खाएं।
6. दस्त या कब्ज
दवाएं आंतों पर असर डालती हैं, जिससे कभी दस्त (बार-बार टॉयलेट जाना) तो कभी कब्ज (टॉयलेट न जाना) की समस्या हो सकती है।
क्या करें: ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। हल्का और रेशा युक्त खाना खाएं। दूध या तैलीय भोजन से बचें। कब्ज की स्थिति में डॉक्टर से दवा लेने में संकोच न करें।
7. खून की कमी और संक्रमण का खतरा
कीमोथेरेपी खून बनाने वाली कोशिकाओं को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है और संक्रमण का खतरा बढ़ता है। मरीज को बार-बार बुखार, थकान या नाक से खून आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
क्या करें: डॉक्टर द्वारा बताए गए समय पर खून की जांच कराएं। हाथों की सफाई का ध्यान रखें। बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें।
8. हाथ-पैर में झुनझुनी या सुन्नपन
कीमोथेरेपी की कुछ दवाएं शरीर की नसों पर असर डाल सकती हैं। इसका असर खासकर हाथों और पैरों में महसूस होता है। मरीज को जलन, झुनझुनी या सुन्नपन जैसी परेशानी हो सकती है। कई बार ऐसा लगता है जैसे सुई चुभ रही हो या अंगों में हलचल नहीं हो रही है। इससे चीजें पकड़ने या चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है।
क्या करें: बहुत ठंडी या गर्म चीजों के सीधे संपर्क से बचें। मोजे और दस्ताने पहनना फायदेमंद होता है। अगर लक्षण बढ़ते हैं या रोजमर्रा के कामों में बाधा बनने लगे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
9. ध्यान कम लगना या चीजें भूलना (कीमो ब्रेन)
कुछ लोगों को कीमोथेरेपी के दौरान ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। छोटी-छोटी बातें भूलना, सोचने में समय लगना या एकाग्रता की कमी महसूस होना सामान्य है। इसे आम भाषा में "कीमो ब्रेन" कहा जाता है।
क्या करें: घबराएं नहीं। यह प्रभाव अक्सर इलाज के बाद धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। जरूरी बातें कहीं लिख लें, एक समय में एक ही काम करें, और खुद को आराम दें।
10. त्वचा और नाखूनों में बदलाव
कुछ मरीजों को त्वचा पर खुजली, सूखापन, लालपन या जलन हो सकती है। नाखून कमजोर हो जाते हैं, टूट सकते हैं या रंग बदल सकता है।
क्या करें: त्वचा को नमी देने के लिए मॉइस्चराइज़र लगाएं। केमिकल युक्त उत्पादों से दूर रहें। बाहर जाते समय धूप से बचाव करें।
आज ही परामर्श लें
कीमोथेरेपी एक शक्तिशाली हथियार है कैंसर के खिलाफ लड़ाई में, लेकिन यह शरीर पर कई तरह के असर छोड़ सकती है। कीमोथेरेपी साइड इफेक्ट्स ( chemotherapy side effects in Hindi ) जानना इसलिए ज़रूरी है ताकि हम समय रहते इन्हें पहचान सकें और उन्हें नियंत्रित कर सकें।
लेख में हमने देखा कि थकान, मचलाना, बाल झड़ना, मुंह छाले, पाचन समस्याएं, रक्त कोशिका गिरावट, नस संबंधी लक्षण, “chemo brain”, त्वचा-नाखून परिवर्तन और दीर्घकालीन प्रभाव हो सकते हैं। साथ ही, हमने सरल उपाय बताए हैं जैसे दवाओं का सही उपयोग, पर्याप्त पानी लेना, पौष्टिक आहार, आराम-गतिविधि का संतुलन, संक्रमण से रक्षा, और नियमित जाँचे रखना।
अगर आप या आपका कोई प्रिय कीमोथेरेपी से गुजर रहा है, तो Oncare Hospital की चिकित्सा टीम आपकी सहायता कर सकती है। वहां अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट (cancer specialists), नर्सिंग स्टाफ और देखभाल सेवाएं उपलब्ध हैं जो आपके लिए एक समग्र (holistic) उपचार योजना तैयार करते हैं, जिसमें साइड इफेक्ट्स को कम करना और जीवन की गुणवत्ता बनाए रखना प्राथमिक लक्ष्य है। Oncare Hospital में आप न केवल इलाज पाएँगे, बल्कि देखभाल, समर्थन और मानसिक सहायता भी मिलेगी।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
नहीं, हर मरीज को सभी साइड इफेक्ट्स नहीं होते। यह व्यक्ति, दवा और इलाज की मात्रा पर निर्भर करता है।
हर कीमोथेरेपी दवा से बाल नहीं झड़ते। कुछ दवाओं में यह असर ज्यादा होता है, लेकिन बाल आमतौर पर इलाज के बाद वापस उग आते हैं।
अधिकतर साइड इफेक्ट्स अस्थायी होते हैं और इलाज खत्म होने के बाद धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। कुछ प्रभाव लंबे समय तक भी रह सकते हैं, जिन्हें डॉक्टर मॉनिटर करते हैं।
हल्का, पौष्टिक और सुपाच्य खाना जैसे दलिया, खिचड़ी, उबली सब्जियां, ताजे फल और पर्याप्त पानी पीना फायदेमंद होता है।
जी हां, कई साइड इफेक्ट्स जैसे मितली, दर्द, संक्रमण आदि के लिए दवाएं उपलब्ध हैं। इन्हें डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए।
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