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सर्वाइकल कैंसर के कारण: जानें इसे बढ़ने से रोकने के तरीके
कल्पना कीजिए, एक ऐसी बीमारी जो सालों तक शरीर में धीरे-धीरे पनपती रहती है, बिना किसी तेज़ लक्षण के। जब तक इसका पता चलता है, यह अपने गंभीर रूप में सामने आ चुकी होती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सर्वाइकल कैंसर की, जिसे गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर भी कहा जाता है। भारत में हर साल लाखों महिलाएं इसकी चपेट में आती हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण समय रहते इसका इलाज नहीं हो पाता।
अगर आप 'Cervical Cancer Causes in Hindi' यानी सर्वाइकल कैंसर के कारणों को समझना चाहती हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। अगर आप एक महिला हैं, या आपके परिवार में मां, बहन, पत्नी या बेटी हैं, तो यह जानकारी जानना न केवल जरूरी है, बल्कि जीवनरक्षक भी हो सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बीमारी के मुख्य कारण क्या हैं और इसे कैसे रोका जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के प्रजनन तंत्र से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जो गर्भाशय के निचले हिस्से को प्रभावित करती है, जिसे सर्विक्स या ग्रीवा कहा जाता है। यह हिस्सा गर्भाशय को योनि से जोड़ता है। जब सर्विक्स की सामान्य कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और उनका नियंत्रण शरीर से हट जाता है, तो यह कैंसर का रूप ले लेता है। यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन समय पर पता न चलने पर यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है।
सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण होता है, जो यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है। अच्छी बात यह है कि अगर समय रहते नियमित जांच और वैक्सीनेशन करवाया जाए, तो इस कैंसर से पूरी तरह बचाव संभव है। प्रारंभिक अवस्था में इसका पता चलने पर इलाज सफल और अपेक्षाकृत सरल होता है। जागरूकता ही बचाव की कुंजी है।
सर्वाइकल कैंसर के मुख्य कारण (Cervical Cancer Causes in Hindi)
सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं में होने वाला एक गंभीर लेकिन रोके जा सकने वाला कैंसर है। यह गर्भाशय के निचले हिस्से यानी सर्विक्स (ग्रीवा) में होता है। इस बीमारी के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन उनमें से कुछ मुख्य कारण ऐसे हैं जिन्हें समझना और उनसे बचना बेहद जरूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं कि सर्वाइकल कैंसर किन कारणों से होता है।
1. ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण
सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा और प्रमुख कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस यानी HPV संक्रमण होता है। यह एक आम वायरस है जो मुख्य रूप से यौन संपर्क के जरिए फैलता है। HPV के कई प्रकार होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ हाई-रिस्क प्रकार ऐसे होते हैं जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कैंसर में बदल सकते हैं। अच्छी बात यह है कि हर HPV संक्रमण कैंसर में नहीं बदलता, लेकिन अगर शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो या वायरस लंबे समय तक शरीर में बना रहे, तो यह खतरा बढ़ जाता है।
2. असुरक्षित यौन संबंध
बहुत कम उम्र में यौन संबंध शुरू करना, कई यौन साथियों के साथ संबंध बनाना या बिना सुरक्षा के यौन संबंध बनाना (जैसे कंडोम का प्रयोग न करना) HPV संक्रमण के खतरे को काफी हद तक बढ़ा देता है। असुरक्षित यौन संबंधों से न केवल HPV बल्कि अन्य यौन संक्रामक रोगों का भी खतरा रहता है, जो गर्भाशय ग्रीवा को कमजोर बना सकते हैं और कैंसर की संभावना बढ़ा सकते हैं।
3. धूम्रपान और नशे की आदत
धूम्रपान करने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा दोगुना होता है। सिगरेट में मौजूद हानिकारक रसायन शरीर में जाकर डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कैंसर की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। धूम्रपान न केवल प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है, बल्कि शरीर की कोशिकाओं को भी कमजोर बनाता है, जिससे संक्रमण और कोशिकीय बदलाव का खतरा बढ़ जाता है।
4. कमजोर इम्यून सिस्टम
यदि किसी महिला की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) कमजोर हो, जैसे कि HIV से संक्रमित महिलाएं, तो उनका शरीर HPV संक्रमण से लड़ने में कमजोर हो जाता है। इससे संक्रमण लंबे समय तक बना रहता है और कोशिकाओं में कैंसर जैसे बदलाव होने लगते हैं। किसी भी प्रकार की बीमारी या दवा जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करती है, वह कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है।
5. लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
कुछ शोधों से यह सामने आया है कि जो महिलाएं 5 साल या उससे अधिक समय तक लगातार गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करती हैं, उनमें सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना थोड़ी अधिक होती है। हालांकि इसका खतरा बहुत अधिक नहीं होता, लेकिन लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन करते समय डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
6. खराब व्यक्तिगत स्वच्छता
महिलाओं के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, खासकर जननांगों की सफाई को लेकर। अगर सफाई का ध्यान नहीं रखा जाए तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकता है। मासिक धर्म के दौरान साफ-सुथरे नैपकिन का प्रयोग न करना, गंदे कपड़े या टॉयलेट्स का उपयोग, और बार-बार संक्रमण होना सर्विक्स की कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है।
सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण
सर्वाइकल कैंसर की सबसे चिंताजनक बात यह है कि इसकी शुरुआत में अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते। यही वजह है कि अधिकतर महिलाएं इसे गंभीर मानने में देर कर देती हैं। हालांकि कुछ शुरुआती संकेत ऐसे होते हैं, जिन पर अगर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
एक आम लक्षण है मासिक धर्म के बीच या यौन संबंध के बाद रक्तस्राव होना। यह सामान्य नहीं होता और इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। इसके अलावा, योनि से बदबूदार या पीले/भूरे रंग का असामान्य स्राव भी एक संकेत हो सकता है। कुछ महिलाओं को यौन संबंध के दौरान दर्द की शिकायत होती है, जो गर्भाशय ग्रीवा में बदलाव की ओर इशारा कर सकती है।
इसके अलावा, कमर के निचले हिस्से या पेल्विक एरिया में लगातार दर्द, बिना कारण थकान महसूस होना, और वजन का अचानक घटना भी इस कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
चूंकि ये लक्षण दूसरी आम समस्याओं जैसे संक्रमण या हार्मोनल बदलाव से मिलते-जुलते हो सकते हैं, इसलिए कोई भी असामान्य बदलाव नजर आए तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। समय रहते की गई जांच जान बचा सकती है।
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम कैसे करें?
HPV वैक्सीन लगवाएं
HPV संक्रमण से बचने के लिए सबसे प्रभावी तरीका है HPV टीकाकरण। यह टीका 9 से 26 वर्ष की उम्र में लगाया जा सकता है, लेकिन अब कई डॉक्टर इसे 45 साल तक की उम्र तक भी सुझाते हैं। यह वैक्सीन कैंसर के उच्च जोखिम वाले वायरस से सुरक्षा देती है।
समय-समय पर जांच कराएं (Pap Smear Test)
Pap smear test एक सरल जांच है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में किसी भी बदलाव को पकड़ सकती है। यदि समय पर जांच की जाए, तो कैंसर से पहले की स्थिति में ही इसका पता चल सकता है और इलाज संभव हो जाता है।
यौन संबंधों में सावधानी बरतें
हमेशा सुरक्षित यौन संबंध बनाए रखें। नए या अनजान पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाने से बचें। यह न केवल सर्वाइकल कैंसर, बल्कि अन्य यौन रोगों से भी बचाव करता है।
धूम्रपान और शराब से दूरी
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और धूम्रपान या नशे से दूर रहें। ये आदतें न केवल कैंसर, बल्कि कई अन्य गंभीर बीमारियों को भी न्योता देती हैं।
स्वच्छता का ध्यान रखें
महिलाओं को अपनी निजी सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना, सही तरह से सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करना बहुत जरूरी है।
आज ही परामर्श लें
सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसे जागरूकता, समय पर जांच और उचित वैक्सीन के ज़रिए रोका जा सकता है। महिलाएं यदि अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें, तो इस बीमारी को काफी हद तक टाला जा सकता है।
यदि आपको या आपके किसी प्रियजन को सर्वाइकल कैंसर से जुड़ी कोई भी शंका या लक्षण नजर आ रहे हैं, तो देर न करें। Oncare Cancer Hospital में सर्वाइकल कैंसर का आधुनिक और भरोसेमंद इलाज उपलब्ध है। यहां अनुभवी डॉक्टर, उन्नत तकनीक और मरीजों की देखभाल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। समय पर सही इलाज ही इस बीमारी से जीवन की रक्षा कर सकता है।
Frequently Asked Questions
नहीं, हर HPV संक्रमण कैंसर में नहीं बदलता। शरीर का इम्यून सिस्टम अधिकतर संक्रमण को खत्म कर देता है, लेकिन कुछ प्रकार के वायरस खतरनाक होते हैं।
यह वैक्सीन उच्च जोखिम वाले वायरस से सुरक्षा देता है, लेकिन नियमित जांच फिर भी जरूरी है।
हां, HPV संक्रमण पुरुषों में भी हो सकता है, लेकिन उन्हें सर्वाइकल कैंसर नहीं होता क्योंकि उनके पास गर्भाशय ग्रीवा नहीं होती।
हां, अगर समय रहते पता चल जाए तो इसका इलाज संभव और सफल हो सकता है।
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