गर्भाशय कैंसर के लक्षण: समय रहते पहचानने के आसान तरीके

oncare team
Updated on Oct 10, 2025 18:27 IST

By Prashant Baghel

क्या आप जानते हैं कि गर्भाशय कैंसर भारत में महिलाओं में पाए जाने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है? लेकिन क्या आप ये भी जानते हैं कि इस कैंसर को शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय रहते ठीक किया जा सकता है? अक्सर महिलाएं असामान्य खून बहने, पेट दर्द या थकान जैसे संकेतों को नजरअंदाज कर देती हैं, जबकि ये गर्भाशय कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

अगर आप या आपके परिवार में कोई महिला इन लक्षणों का अनुभव कर रही है, तो इसे हल्के में न लें। सही जानकारी और समय पर जांच से आप इस गंभीर बीमारी को मात दे सकते हैं।

इस लेख में हम सरल भाषा में बताएंगे कि गर्भाशय कैंसर के कौन-कौन से लक्षण होते हैं, उन्हें कैसे पहचानें और कब डॉक्टर से सलाह लें। साथ ही, हम गर्भाशय कैंसर से बचाव के आसान तरीके भी समझाएंगे।

याद रखें, सही समय पर पहचान और इलाज आपकी जान बचा सकता है। आइए, जानते हैं गर्भाशय कैंसर के लक्षणों को विस्तार से और समझें कैसे इस बीमारी से बचा जा सकता है।

गर्भाशय कैंसर क्या है?

गर्भाशय कैंसर एक ऐसा रोग है जिसमें गर्भाशय की कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं। सामान्य स्थिति में शरीर की कोशिकाएं नियमित रूप से बनती और मरती हैं, लेकिन जब कोशिकाएं नियंत्रित तरीके से मरना बंद कर देती हैं और तेजी से बढ़ने लगती हैं, तो कैंसर होता है।

यह कैंसर मुख्य रूप से महिलाओं के अंदरूनी अंग गर्भाशय की परत में शुरू होता है और अगर समय पर पहचान न हो तो यह शरीर के अन्य भागों तक फैल सकता है।

गर्भाशय कैंसर के कारण

  • हार्मोनल असंतुलन: महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का संतुलन बिगड़ने पर यह कैंसर हो सकता है। खासकर जब एस्ट्रोजन अधिक हो।
  • मोटापा: ज्यादा वजन होने पर हार्मोन स्तर प्रभावित होते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  • मेनोपॉज के बाद खून बहना: यदि मेनोपॉज के बाद किसी महिला को खून आता है तो यह भी खतरे का संकेत हो सकता है।
  • मधुमेह: डायबिटीज़ की वजह से भी खतरा बढ़ता है।
  • परिवार में इतिहास: यदि परिवार में किसी को गर्भाशय या अन्य महिलाओं के कैंसर का इतिहास हो।

गर्भाशय कैंसर के लक्षण (Uterus Cancer Symptoms in Hindi)

गर्भाशय कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर रोग है, लेकिन इसे समय रहते पहचानकर ठीक किया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा चैलेंज यह होता है कि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के या सामान्य समस्याओं जैसे लगते हैं, इसलिए कई बार इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसलिए गर्भाशय कैंसर के संभावित लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है ताकि आप समय पर डॉक्टर से संपर्क कर सकें और सही इलाज शुरू हो सके। तो चलिए अब गर्भाशय कैंसर के लक्षणों के बारे में जानते है।  

1. असामान्य रक्तस्राव (Abnormal Bleeding)

गर्भाशय कैंसर का सबसे आम और शुरुआती लक्षण असामान्य रक्तस्राव होता है। खासकर महिलाओं को इसके प्रति सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि यह संकेत कैंसर के शुरुआती दौर में भी मिल सकते हैं। असामान्य रक्तस्राव के कुछ रूप हैं:

  • मेनोपॉज के बाद खून आना: जो महिलाएं मेनोपॉज (माहवारी बंद होने की अवस्था) पार कर चुकी हैं, उनके लिए खून आना सामान्य नहीं होता। यदि मेनोपॉज के बाद भी किसी समय खून आता है, तो यह एक गंभीर चेतावनी हो सकती है।
  • मासिक धर्म के बीच खून आना: यदि मासिक धर्म के बीच या मासिक धर्म के दिनों के अलावा कहीं भी खून आना शुरू हो जाए, तो इसे नजरअंदाज न करें।
  • मासिक धर्म का ज्यादा भारी या लंबा चलना: मासिक धर्म का सामान्य से अधिक समय तक चलना या बहुत ज्यादा खून बहना भी एक संकेत हो सकता है।
  • मासिक धर्म के बाद या सेक्स के बाद खून आना: कभी-कभी सेक्स के बाद या मासिक धर्म के तुरंत बाद खून आना भी कैंसर का लक्षण हो सकता है।

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो बिना देरी के डॉक्टर से जांच कराएं। शुरुआती पहचान से इलाज आसान हो जाता है।

2. पेट या कमर में दर्द 

गर्भाशय के आसपास या निचले पेट में लगातार या बार-बार दर्द होना भी एक चिंताजनक लक्षण हो सकता है। यह दर्द हल्का या तेज हो सकता है और समय के साथ बढ़ भी सकता है। अगर इस दर्द के साथ कोई और लक्षण भी हों, जैसे असामान्य रक्तस्राव, तो इसे गंभीरता से लें और डॉक्टर से संपर्क करें।

3. पेशाब या मल में बदलाव

गर्भाशय कैंसर के बढ़ने पर यह आस-पास के अंगों को प्रभावित कर सकता है। जिससे पेशाब या मल त्याग की आदतों में बदलाव आ सकता है। जैसे:

  • बार-बार पेशाब आना या पेशाब में जलन होना।
  • मल त्याग में कठिनाई या बदलाव आना।

अगर आप अचानक इन समस्याओं का अनुभव कर रहे हैं, तो इसे भी अनदेखा न करें।

4. असामान्य स्त्राव 

गर्भाशय कैंसर के कारण स्त्राव (vaginal discharge) में भी बदलाव हो सकता है। अगर सामान्य स्त्राव की तुलना में स्त्राव की मात्रा बढ़ जाए, उसका रंग बदले या उसमें बदबू आने लगे, तो यह चिंता का कारण हो सकता है। खासकर अगर यह गाढ़ा, पीलापन लिए या खून के निशान के साथ हो।

5. वजन में अचानक कमी 

कैंसर के कारण शरीर की सामान्य प्रक्रियाओं में बाधा आती है, जिससे बिना किसी खास वजह के वजन में तेज गिरावट आ सकती है। अगर आप बिना डाइट या व्यायाम के अचानक वजन कम होते देखें, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

6. थकान और कमजोरी 

लगातार थकान महसूस होना और कमजोरी आना भी गर्भाशय कैंसर के सामान्य लक्षणों में शामिल है। खास बात यह है कि यह थकान आराम करने पर भी ठीक नहीं होती। अगर आप दिनभर सुस्त महसूस करें और शरीर में कमजोरी महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें।

गर्भाशय कैंसर की जांच कैसे होती है?

गर्भाशय कैंसर की जांच लक्षण दिखने पर डॉक्टर द्वारा कई परीक्षण किए जाते हैं। सबसे पहले पैप स्मीयर टेस्ट किया जाता है, जिससे गर्भाशय की सतह की स्थिति का पता चलता है। इसके बाद अल्ट्रासाउंड से गर्भाशय और आसपास के अंगों की जांच की जाती है ताकि कोई असामान्यता मिले। गंभीर संदेह होने पर डॉक्टर एंडोमेट्रियल बायोप्सी कराते हैं, जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत से ऊतक का नमूना लेकर कैंसर सेल्स की जांच की जाती है। इसके अलावा, कैंसर के फैलाव और स्थिति को समझने के लिए MRI या CT स्कैन भी करवाए जा सकते हैं। ये जांचें डॉक्टर को सही इलाज तय करने में मदद करती हैं। समय पर जांच से कैंसर का इलाज प्रभावी होता है।

आज ही परामर्श लें

गर्भाशय कैंसर की शुरुआत अक्सर बिना लक्षण के होती है, इसलिए महिलाओं को अपने शरीर में हो रहे हर छोटे बदलाव पर ध्यान देना चाहिए। यदि असामान्य रक्तस्राव, दर्द, या किसी अन्य लक्षण का अनुभव हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर जांच और इलाज से गर्भाशय कैंसर को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। आपकी सेहत आपकी सबसे बड़ी दौलत है, इसलिए स्वास्थ्य जांच और सही जानकारी को प्राथमिकता दें।

अगर आपको या आपके किसी परिचित को गर्भाशय कैंसर के लक्षण दिखें या चिंता हो, तो बिना देर किए अनुभवी डॉक्टर से संपर्क करें। समय रहते इलाज शुरू होने पर कैंसर का खतरा कम हो जाता है और स्वस्थ जीवन की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप बेहतर इलाज और देखभाल की तलाश में हैं, तो Oncare Hospital आपके लिए एक भरोसेमंद विकल्प हो सकता है। यहाँ अनुभवी डॉक्टर, आधुनिक उपकरण और मरीज की पूरी देखभाल की जाती है।

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