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पेट के कैंसर के लक्षण क्या हैं? समय रहते पहचानें और करवाएं इलाज

आज के समय में कैंसर एक ऐसी बीमारी बन चुकी है, जिसका नाम सुनते ही डर लगने लगता है। यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है, लेकिन जब बात पेट के कैंसर की होती है, तो इसके लक्षण ज़्यादातर मामूली गैस जैसी सामान्य परेशानियों जैसे लगते हैं। यही वजह है कि लोग इसे शुरुआत के वक़्त में पहचान नहीं पाते हैं और इलाज में देर हो जाती है। पेट का कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और अगर समय रहते इसे रोका न जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में बताएंगे, ताकि समय रहते इस बीमारी का इलाज शुरू किया जा सके। साथ ही हम जानेंगे इस बीमारी के क्या कारण होते हैं और किसे सबसे ज़्यादा खतरा होता है । और हम आपको बतायेगे पेट के कैंसर का इलाज कैसे होता है और बचाव के क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं। अगर आप या आपके परिवार में किसी को पेट से जुड़ी समस्याएं लंबे समय से परेशान कर रही हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद ज़रूरी हो सकता है।
पेट का कैंसर क्या होता है?
पेट का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसमें पेट के अंदर की कोशिकाएं (सेल्स) असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। जब ये कोशिकाएं बहुत ज़्यादा बढ़ जाती हैं, तो एक गांठ (जिसे ट्यूमर कहा जाता है) बना सकती हैं। यही गांठ बाद में कैंसर का रूप ले लेती है। इस बीमारी को मेडिकल भाषा में गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है।
पेट का कैंसर पेट के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन ज़्यादातर मामलों में यह वहाँ शुरू होता है जहाँ पेट और खाने की नली आपस में मिलती हैं। कुछ देशों में यह कैंसर पेट के मुख्य हिस्से में भी आम होता जा रहा है।
शुरुआत में यह कैंसर सिर्फ पेट की अंदरूनी परत में होता है, लेकिन समय के साथ यह धीरे-धीरे गहराई तक फैल सकता है। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह ट्यूमर पेट से होते हुए आसपास के अंगों जैसे लीवर, पैंक्रियास या आंतों तक भी फैल सकता है।
पेट के कैंसर के लक्षण क्या हैं?
शुरुआती अवस्था में पेट के कैंसर के लक्षण बहुत हल्के और आम बीमारियों जैसे लग सकते हैं, लेकिन जब ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो यह चिंता का कारण हो सकता है।
1. पेट में लगातार दर्द या जलन
- पेट के ऊपरी हिस्से में जलन या जलती हुई सी महसूस होना।
- अक्सर यह जलन खाने के बाद या खाली पेट में ज़्यादा होती है।
2. भोजन के बाद पेट भारी लगना या फुल जाना
- हल्का खाना खाने के बाद भी पेट भरा हुआ लगना।
- पेट मे गैस महसूस होना, जैसे पेट में कुछ अटका हो।
3. थोड़ा खाना खाते ही पेट भर जाना
- पहले की तुलना में बहुत कम मात्रा में खाना खा पाना।
- बार-बार भूख कम लगना या भूख लगने पर भी जल्दी पेट भर जाना।
4. लगातार खाना ठीक से न पचना
- खाना पचने में दिक्कत होना।
- पेट में गुड़गुड़ाहट, भारीपन, जलन महसूस होना।
5. उल्टी जैसा लगना
- बिना कारण बार-बार जी मिचलाना।
- कई बार उल्टी हो भी सकती है, जिसमें खून भी आ सकता है।
6. भूख में कमी
- मन से खाने की इच्छा कम हो जाना।
- ऐसा लगना कि कुछ भी खाने का मन नहीं है, चाहे पेट खाली ही क्यों न हो।
7. बिना कारण वजन घटना
- डाइटिंग या वर्कआउट किए बिना वजन कम होते जाना।
- कपड़े अचानक ढीले होने लगना।
8. थकान या कमजोरी महसूस होना
- रोज़ के काम करने में जल्दी थक जाना।
- आराम करने के बाद भी शरीर थका हुआ या कमजोर लगना।
9. डकार आना
- बार-बार डकारें आना, ख़ासकर खाने के बाद।
- कभी-कभी खट्टी डकारें भी हो सकती हैं।
10. खाने या निगलने में तकलीफ होना
- खाना खाते समय गले या छाती में अटकने जैसा महसूस होना।
- ठोस या कभी-कभी तरल चीजें भी निगलने में कठिनाई होना।
11. उल्टी में खून आना
- कभी-कभी उल्टी में खून आ सकता है, जो खतरनाक संकेत हो सकता है।
पेट के कैंसर से बचाव कैसे करें?
पेट के कैंसर को पूरी तरह से रोकना तो मुमकिन नहीं है, लेकिन कुछ अच्छी आदतों और सावधानियों से इसका खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
1. स्वस्थ और संतुलित खाना लें
- ज़्यादा फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, और खट्टे फल जैसे संतरे खाएं।
- फाइबर वाला खाना लें, जैसे दालें और साबुत अनाज।
- बहुत ज़्यादा नमक, तेल में तली चीजें और प्रोसेस्ड फूड (जैसे पैकेट वाले स्नैक्स) से दूर रहें।
- लाल मांस (जैसे बीफ़ और पोर्क) कम खाएं।
2. धूम्रपान और तंबाकू से बचें
- सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और तंबाकू पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
- धूम्रपान छोड़ने से सिर्फ पेट ही नहीं, बल्कि फेफड़े, मुंह और गले के कैंसर से भी बचाव होता है।
3. एच. पायलोरी संक्रमण का इलाज करवाएं
- यह एक तरह का बैक्टीरिया है जो पेट में अल्सर और कैंसर पैदा कर सकता है।
- अगर डॉक्टर जांच में इसका संक्रमण पाएं, तो इलाज ज़रूर करवाएं।
4. पेट की समस्याओं को नजरअंदाज न करें
- अगर आपको बार-बार पेट दर्द, खाना ठीक से न पचना, जलन, उल्टी या भूख न लगना जैसी दिक्कत हो रही है, तो समय रहते डॉक्टर से जांच कराएं।
5. स्वस्थ वजन और नियमित व्यायाम
- वजन ज़्यादा होने पर भी पेट के कैंसर का खतरा बढ़ता है।
- रोज़ाना थोड़ी देर टहलना, योग, या हल्का व्यायाम करने से शरीर फिट रहता है और कैंसर का खतरा घटता है।
6. नियमित मेडिकल चेकअप करवाएं
- अगर आपके परिवार में किसी को पेट का कैंसर रहा हो, तो समय-समय पर चेकअप करवाना और डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है।
किन लोगों को ज्यादा खतरा है?
कुछ लोगों में पेट के कैंसर का खतरा दूसरों की तुलना में अधिक होता है। जैसे:
- 50 साल से ऊपर के लोग
- पुरुषों में महिलाओं की तुलना में यह ज़्यादा होता है
- धूम्रपान और शराब पीने वाले लोग
- जो लोग कम सब्जियां और ज़्यादा फास्ट फूड खाते हैं
- जिनके पेट में पहले अल्सर या एच. पायलोरी संक्रमण रहा हो
पेट के कैंसर की जांच कैसे होती है?
अगर किसी व्यक्ति में ऊपर बताए गए लक्षण लंबे समय से हैं, तो डॉक्टर कुछ जांचें कर सकते हैं। मुख्य जांचें इस प्रकार हैं:
- एंडोस्कोपी (Endoscopy):
- इसमें एक पतली ट्यूब के जरिए कैमरा पेट के अंदर भेजा जाता है। इससे डॉक्टर पेट की अंदरूनी चीजों को देख सकते हैं।
- बायोप्सी (Biopsy):
- एंडोस्कोपी के दौरान अगर कोई संदिग्ध हिस्सा दिखे, तो उसका एक छोटा टुकड़ा जांच के लिए लिया जाता है।
- सीटी स्कैन (CT Scan) या अल्ट्रासाउंड:
- इससे यह देखा जाता है कि कैंसर कहीं और फैला है या नहीं।
खून की जांच:
शरीर में एनीमिया (रक्त की कमी) या अन्य संकेतों को देखा जाता है।
आज ही परामर्श लें
पेट का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर इसके लक्षणों को समय पर पहचान लिया जाए और सही इलाज करवाया जाए, तो इससे जीवन बचाया जा सकता है। लोगों को पेट की मामूली तकलीफों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कोई भी लक्षण अगर लंबे समय तक बना रहे, तो आप Oncare Hospital मे जाकर एक बार डॉक्टर को दिखाए क्युकी इस अस्पताल मे आपको कैंसर का इलाज काफी अच्छा मिलता है। अगर अभी तक आपने इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर नहीं किया है तो जल्दी से कर दे जिससे उनको भी यह जरूरी जानकारी मिल सके।
Frequently Asked Questions
हाँ, अगर पेट के कैंसर की पहचान शुरुआत में ही हो जाए, तो इसका इलाज संभव है। शुरुआती स्टेज में सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडिएशन से कैंसर को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। इसलिए लक्षण दिखते ही डॉक्टर से जांच करवाना बेहद ज़रूरी है।
पेट के कैंसर की जांच के लिए आमतौर पर एंडोस्कोपी, बायोप्सी, सीटी स्कैन और खून की जांच की जाती है। एंडोस्कोपी के ज़रिए डॉक्टर पेट की अंदरूनी सतह को देखकर किसी भी असामान्यता का पता लगाते हैं।
नहीं, गैस, खाना ठीक से न पचना और पेट दर्द आम समस्याएं हैं और ज़रूरी नहीं कि ये हमेशा कैंसर के लक्षण हों। लेकिन अगर ये समस्याएं लगातार बनी रहें, या इनके साथ भूख में कमी, वजन घटने और कमजोरी जैसे लक्षण भी दिखें, तो डॉक्टर से जांच ज़रूर करानी चाहिए।