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ओरल कैंसर के लक्षण: मुँह के अंदर दिखने वाले चेतावनी संकेत

ओरल कैंसर के लक्षण शुरुआत में बहुत हल्के हो सकते हैं, लेकिन इन्हें नज़रअंदाज करना भारी पड़ सकता है। ओरल कैंसर, जिसे हम मुँह का कैंसर भी कहते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो मुँह के अंदर किसी भी हिस्से में हो सकती है। यह जीभ, होंठ, मसूड़े, गालों की अंदरूनी परत, मुँह के ऊपर और नीचे , यहां तक कि गले के ऊपरी हिस्से को भी खराब कर सकता है। जब मुँह में बार-बार छाले हों, सफेद या लाल धब्बे दिखें, घाव ठीक न हों या खून आ रहा हो, तो ये शुरुआती चेतावनी संकेत हो सकते हैं। अक्सर लोग इन लक्षणों को आम समझकर अनदेखा कर देते हैं, जिससे बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती जाती है और फिर इसका इलाज मुश्किल हो जाता है। भारत में ओरल कैंसर के मामले बहुत ज्यादा हैं, खासकर उन लोगों में जो तंबाकू चबाते हैं, गुटखा खाते हैं, बीड़ी-सिगरेट पीते हैं या शराब को अधिक पीते है।
यह कैंसर धीरे-धीरे मुँह से गले और गर्दन तक फैल सकता है। अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचाना जाए और सही इलाज शुरू किया जाए, तो इसे रोका जा सकता है और मरीज की जान भी बचाई जा सकती है। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि हम मुँह में होने वाले किसी भी बदलाव को हल्के में न लें और समय पर डॉक्टर से जांच कराएं। ओरल कैंसर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लक्षण मुँह के अंदर ही दिखते हैं। इसलिए खुद भी हर महीने मुँह की जांच करना एक अच्छी आदत हो सकती है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ओरल कैंसर के कौन-कौन से लक्षण होते हैं, यह किन वजहों से होता है, इससे कैसे बचा जा सकता है और इलाज के क्या-क्या तरीके मौजूद हैं।
ओरल कैंसर के लक्षण: मुँह के अंदर दिखने वाले चेतावनी संकेत
ओरल कैंसर के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं और शुरू में बहुत मामूली लग सकते हैं। यही कारण है कि लोग इन संकेतों को सामान्य मुँह की समस्या समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर समय रहते इनका ध्यान न दिया जाए, तो यह कैंसर बनकर मुँह से गले, जीभ और यहाँ तक कि गर्दन तक भी फैल सकता है। शुरुआत में इसके लक्षण आमतौर पर बिना दर्द के होते हैं, जिससे मरीज को कोई खास परेशानी महसूस नहीं होती। इसलिए ज़रूरी है कि हम मुँह में होने वाले हर छोटे-बड़े बदलाव को गंभीरता से लें और नियमित तौर पर मुँह की खुद जांच करें।
कई बार ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षण एक सामान्य छाले, जलन या सफेद-लाल दाग जैसे लगते हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि ये लक्षण अगर दो हफ्तों के अंदर ठीक न हों, तो यह एक चेतावनी संकेत हो सकता है। नीचे ओरल कैंसर के मुख्य लक्षणों को विस्तार से बताया गया है:
ओरल कैंसर के संभावित लक्षण और उनका विस्तार
1. न ठीक होने वाला घाव या छाला:
अगर मुँह के अंदर, जीभ, होंठ या मसूड़ों पर कोई छाला या घाव दो हफ्ते से ज्यादा समय तक बना रहे और ठीक न हो, तो यह एक गंभीर चेतावनी हो सकती है। ये घाव अक्सर बिना दर्द के होते हैं और लोग इन्हें सामान्य घाव समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन ओरल कैंसर में ये घाव गहरे हो सकते हैं और समय के साथ बढ़ सकते हैं। ऐसे घाव जिनमें खून भी आना शुरू हो जाए या जो खुजलाने पर भी न ठीक हों, तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
2. सफेद या लाल धब्बे होना:
मुँह के अंदर सफेद या लाल रंग के धब्बे दिखना भी ओरल कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है। सफेद धब्बों को ल्यूकोप्लाकिया और लाल धब्बों को एरिथ्रोप्लाकिया कहा जाता है। ये धब्बे आम तौर पर खुरचने या साफ करने पर भी नहीं हटते। ये निशान अक्सर बिना दर्द के होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में जलन या खिंचाव महसूस हो सकता है। ये लक्षण अगर लंबे समय तक बने रहें तो इन्हें नजरअंदाज बिल्कुल न करें।
3. सूजन या गांठ:
मुँह के किसी भी हिस्से में अचानक सूजन, गांठ महसूस होना भी चिंताजनक हो सकता है। यह सूजन जबड़े, गाल, मसूड़ों या जीभ पर हो सकती है। ये गांठें अक्सर बिना दर्द की होती हैं और धीरे-धीरे बढ़ सकती हैं। अगर ये गांठ दो हफ्तों से अधिक समय तक बनी रहे और बिना कारण बढ़ती जाए, तो तुरंत जांच जरूरी है।
4. चबाने या निगलने में कठिनाई:
जब मुँह खोलने, खाना चबाने या निगलने में दिक्कत हो, तो यह ओरल कैंसर की वजह से मुँह के अंग प्रभावित होने का संकेत हो सकता है। इस समस्या के कारण खाना सही तरीके से नहीं खा पाते है और मुँह में दर्द महसूस होना आम बात है।
5. बोलने या जीभ हिलाने में दिक्कत:
जीभ या जबड़े की मांसपेशियों में कमजोरी या चोट की वजह से बोलने में रुकावट आ सकती है। यह लक्षण तब भी हो सकता है जब कैंसर मुँह के अंदर के हिस्सों को खराब कर रहा हो। जीभ को हिलाने या मोड़ने में तकलीफ हो सकती है, जिससे सामान्य बातचीत में परेशानी हो सकती है।
6. गले में कुछ फंसा हुआ महसूस होना:
लगातार ऐसा महसूस होना कि गले में कुछ फंसा हुआ है, या निगलने पर राहत न मिलना, यह भी एक महत्वपूर्ण लक्षण है। कई बार मरीज को खाना या पानी निगलने में असुविधा होती है, जो आगे चलकर गंभीर समस्या बन सकती है।
7. बिना वजह वजन कम होना:
अगर बिना कोई खास डाइटिंग या व्यायाम के शरीर का वजन अचानक कम होने लगे, तो यह शरीर में कैंसर की वजह से ताकत की कमी का संकेत हो सकता है। ओरल कैंसर के मरीजों में अक्सर भूख कम हो जाती है, जिससे वजन में गिरावट आती है।
8. कान का दर्द:
कई बार ओरल कैंसर की वजह से कान में भी दर्द हो सकता है, खासकर जब कान की कोई बीमारी न हो। यह कान के पास के नर्व को प्रभावित करने के कारण होता है।
9. दाँत हिलने लगना:
जबड़े की हड्डी पर कैंसर का असर होने से दाँत अचानक ढीले पड़ने लगते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है क्योंकि दाँत हिलने से खाना खाने और बोलने में भी दिक्कत हो सकती है।
इन लक्षणों में से यदि कोई भी दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बना रहे, और घरेलू इलाज से ठीक न हो रहा हो, तो तुरंत दंत चिकित्सक या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। याद रखें, जितना जल्दी कैंसर का पता चलता है, उतनी ही जल्दी और बेहतर इलाज संभव होता है। इसलिए मुँह की नियमित जाँच करवाना और थोड़े-थोड़े समय पर खुद भी मुँह का निरीक्षण करना एक अच्छी आदत है।
आज ही परामर्श लें
आज के आर्टिकल मे हुमने आपको ओरल कैंसर के लक्षण के बारे मे बताया है । यहां पर हमने मुँह के अंदर दिखने वाले चेतावनी संकेत के बारे मे विस्तार से आपको बताया है । अगर आपको बताए हुए लक्षण मे से कोई भी महसूस होता है तो आप भारत के सबसे बढ़िया Oncare Hospital मे जा सकते है। यहाँ पर आपको बहुत ही अच्छा इलाज मिलता है जिससे आप जल्दी ठीक हो सकते है। बाकी अभी तक आपने अपने दोस्तों या परिवार मे इस आर्टिकल को शेयर नहीं किया है तो जल्दी से कर दे।
Frequently Asked Questions
अगर मुँह में छाले, घाव या लाल-सफेद दाग हों जो ठीक न हों, मुँह में गांठ हो, खाना चबाने या निगलने में दिक्कत हो — तो ये ओरल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। अगर ये लक्षण दो हफ्ते से ज्यादा समय तक रहें, तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
ओरल कैंसर ज़्यादातर तंबाकू (गुटखा, बीड़ी, सिगरेट) और शराब पीने से होता है। मुँह को ठीक से साफ न करना और बार-बार छाले होना भी इसकी वजह हो सकते हैं।
हाँ, अगर बीमारी की पहचान समय पर हो जाए तो इसका इलाज संभव है। इलाज में दवा, ऑपरेशन या रेडिएशन जैसी चीज़ें शामिल हो सकती हैं।
तंबाकू और शराब से दूर रहें, मुँह को साफ रखें, हर महीने मुँह की जांच करें और कोई भी बदलाव दिखे तो डॉक्टर को दिखाएं। इससे कैंसर से बचाव हो सकता है।