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मुँह के कैंसर के 10 सामान्य लक्षण जो हर किसी को पता होने चाहिए

आज के समय में मुँह का कैंसर बहुत आम हो गया है। भारत के साथ साथ दुनिया के कई देशों में एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। भारत में कैंसर के सभी मामलों में से लगभग 30% केवल मुँह के कैंसर के होते हैं। इसके मुख्य कारणों में तंबाकू सेवन, शराब, खराब मौखिक स्वच्छता और मानव पेपिलोमा वायरस (HPV) प्रमुख हैं।
लेकिन अच्छी खबर यह है कि अगर हम इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को समय पर पहचान लें, तो इसका इलाज संभव है। इस लेख में हम आपको बताएंगे मुँह के कैंसर के 10 सामान्य लक्षण जो हर किसी को पता होने चाहिए, ताकि आप समय रहते सावधान हो सकें।
मुँह का कैंसर क्या है?
मुँह का कैंसर, जिसे "ओरल कैंसर" भी कहा जाता है, मुँह के किसी भी हिस्से में होने वाला एक प्रकार का बेकार रोग है। यह कैंसर आपके होंठ, जीभ, गालों की अंदरूनी जगह, मसूड़ों और गले को खराब कर सकता है।
कैंसर की यह अवस्था तब बनती है जब मुँह की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और धीरे-धीरे आसपास के अंगों में फैलने लगती हैं।
मुँह के कैंसर के 10 सामान्य लक्षण जो हर किसी को पता होने चाहिए
मुँह का कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज तभी आसान होता है जब इसका पता शुरू में ही लग जाए। लेकिन अक्सर लोग इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि ये तकलीफें शुरू में बहुत सामान्य लग सकती हैं। अगर आप नीचे दिए गए किसी भी लक्षण को लगातार महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
1. मुँह में न भरने वाला घाव या छाला
अगर आपके मुँह में कोई घाव, कट या छाला है जो दो हफ्तों से ज़्यादा समय से ठीक नहीं हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह बिना दर्द के भी हो सकता है, इसलिए लोग इसे मामूली समझ लेते हैं। लेकिन यह मुँह के कैंसर का पहला संकेत हो सकता है।
2. मुँह में लाल या सफेद धब्बे बनना
अगर आपकी जीभ, गाल की अंदरूनी सतह या मसूड़ों पर सफेद (ल्यूकोप्लेकिया) या लाल (एरिथ्रोप्लेकिया) रंग के धब्बे दिखें, तो यह सामान्य नहीं है। ये धब्बे कैंसर की शुरुआत का संकेत हो सकते हैं और इनका समय पर इलाज बहुत ज़रूरी होता है।
3. मुँह या जीभ में सुन्नपन या झनझनाहट होना
अगर आपकी जीभ, होठ या मुँह का कोई हिस्सा अचानक सुन्न पड़ जाए या उसमें झनझनाहट हो, तो यह चिंता की बात हो सकती है। यह नर्व्स पर असर पड़ने के कारण हो सकता है जो कैंसर की वजह से हो रहा हो।
4. खाने या निगलने में परेशानी होना
अगर आप खाना चबाने, निगलने या मुँह खोलने में तकलीफ महसूस कर रहे हैं, तो यह मुँह या गले में किसी गांठ या ट्यूमर के कारण हो सकता है। इसे हल्के में न लें और जांच करवाएं।
5. आवाज़ में बदलाव या भारीपन आना
अगर आपकी आवाज़ अचानक भारी हो गई है और यह कई दिनों तक ठीक नहीं हो रही, तो यह मुँह या गले के कैंसर का संकेत हो सकता है। खासकर अगर इसके साथ गले में दर्द या खिचाव भी महसूस हो।
6. दांतों का बिना वजह हिलना या गिरना
अगर कोई दांत बिना किसी चोट, कीड़ा लगने या मसूड़े की बीमारी के गिर जाए, तो यह जबड़े की हड्डी में किसी गंभीर समस्या, जैसे कैंसर, की ओर इशारा कर सकता है।
7. बार-बार मुँह से खून आना
अगर मुँह से बार-बार खून आता है, लेकिन आपको कोई चोट या घाव नज़र नहीं आता, तो यह कैंसर के कारण हो सकता है। सामान्य छाले थोड़े दिन में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कैंसर वाले घाव लगातार खून बहाते रहते हैं।
8. कान में लगातार दर्द रहना
अगर आपके कान में एक ही तरफ लगातार दर्द बना रहता है, लेकिन सुनने में कोई दिक्कत नहीं है, तो यह गले या मुँह में किसी अंदरूनी बीमारी, जैसे कैंसर, का संकेत हो सकता है।
9. गर्दन, गले या मुँह में गांठ या सूजन होना
अगर गर्दन, गाल या मुँह के किसी हिस्से में कोई छोटी सी गांठ हो जो धीरे-धीरे बड़ी हो रही हो और सख्त या बिना दर्द वाली हो, तो यह कैंसर की ओर इशारा कर सकती है।
10. बिना किसी कारण के वजन का तेजी से घटना
अगर आप न तो डाइट कर रहे हैं, न ही एक्सरसाइज, और फिर भी आपका वजन अचानक कम होने लगे, तो यह शरीर के अंदर किसी बड़ी बीमारी, जैसे मुँह के कैंसर, का लक्षण हो सकता है।
मुँह के कैंसर के मुख्य कारण
अब जब हमने मुँह के कैंसर के लक्षणों को जान लिया है, तो यह समझना भी जरूरी है कि आखिर यह बीमारी होती क्यों है। मुँह का कैंसर कई वजहों से हो सकता है — इनमें से कुछ आदतें हमारे नियंत्रण में होती हैं और कुछ हमारे शरीर या वातावरण से जुड़ी होती हैं। आइए अब जानते हैं इसके मुख्य कारण:
1. तंबाकू का सेवन
तंबाकू मुँह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। चाहे आप गुटखा, पान मसाला या बीड़ी, सिगरेट लेते हों – दोनों ही तरीके बेहद नुकसान देते हैं।
2. शराब का ज़्यादा सेवन
अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से या अधिक मात्रा में शराब पीता है, खासकर तंबाकू के साथ, तो मुँह का कैंसर होने का खतरा और बढ़ जाता है।
3. एचपीवी (HPV) संक्रमण
ह्यूमन पैपिलोमा वायरस , खासकर इसको HPV-16 वायरस नाम से भी जानते है , मुँह के कैंसर का एक बहुत ही बढ़ता हुआ कारण है। यह एक प्रकार का यौन संक्रमण होता है जो मुँह और गले को खराब कर सकता है।
4. मुँह की सफाई और देखभाल न करना
अगर आप दाँतों और मुँह की ठीक से सफाई नहीं करते है या ब्रश नहीं करते, तो लंबे समय में आपके मुँह में इंफेक्शन और कैंसर जैसी समस्याएँ पैदा कर सकता है।
5. बहुत देर तक तेज धूप के सामने रहना
जो लोग रोज़ बहुत देर तक सीधी धूप के सामने रहते हैं, जैसे खेतों में काम करने वाले किसान जिसके होंठों पर सूरज की तेज़ रोशनी का असर पड़ता है, जिससे वहाँ कैंसर हो सकता है।
6. परिवार में कैंसर का इतिहास
अगर आपके परिवार में किसी को मुँह का कैंसर हुआ है, तो आपको भी थोड़ा अधिक सावधान रहने की जरूरत है। यह बीमारी कभी-कभी पीढ़ियों में जा सकती है।
7. एपस्टीन-बार वायरस (Epstein-Barr Virus)
यह एक वायरस है जो शरीर में लंबे समय तक छिपा रह सकता है और कई बार यह मुँह के कैंसर जैसी बीमारियों से जुड़ा पाया गया है।
8. मुँह में बार-बार जलन या पुराना घाव
अगर आपके मुँह में कोई दांत बार-बार मसूड़े को काटता है, या कोई पुराना घाव ठीक नहीं होता, या दाँत गलत जगह रगड़ते हैं – तो इससे वहां कोशिकाओं में बदलाव हो सकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
मुँह के कैंसर की जांच कैसे होती है?
अगर आप ऊपर बताए गए लक्षणों को लगातार महसूस कर रहे हैं और वे 2 हफ्तों से ज्यादा समय से बने हुए हैं, तो समय बर्बाद न करें — तुरंत oncare hospital जैसे इंडिया के बड़े अस्पताल मे कैंसर विशेषज्ञ से मिलें। वेसे तो डॉक्टर कुछ जरूरी जांचें करके यह पता लगाते हैं कि कैंसर है या नहीं और जो भी जांच करते है उनके बारे मे नीचे हुमने थोड़ा सा आपको बताया है :
1. फिजिकल एग्ज़ामिनेशन
डॉक्टर आपके मुँह, जीभ, मसूड़े, गले और गर्दन को अच्छी तरह से देख कर जांच करते हैं कि कोई गांठ, सूजन या घाव तो नहीं।
2. बायोप्सी
अगर मुँह में कोई संदेहास्पद जगह दिखे, तो डॉक्टर वहां से थोड़ा-सा टिशू लेकर लैब में जांच के लिए भेजते हैं। इससे साफ़ पता चलता है कि कैंसर है या नहीं।
3. इमेजिंग टेस्ट
कभी-कभी एक्स-रे, CT स्कैन, MRI या PET स्कैन जैसे टेस्ट किए जाते हैं ताकि शरीर के अंदर ट्यूमर कहाँ तक फैला है, यह पता चल सके।
4. एंडोस्कोपी
इसमें एक पतली नली जैसी ट्यूब को मुँह और गले में अंदर तक डाला जाता है ताकि डॉक्टर सीधे अंदर की तस्वीर देख सकें।
5. खून की जांच (ब्लड टेस्ट)
यह जांच शरीर के अंदर की स्थिति को देखने में मदद करती है और यह पता लगाती है कि शरीर अन्य बीमारियों से कितना प्रभावित है।
आज ही परामर्श लें
आज के आर्टिकल मे हमने आपको मुँह के कैंसर के 10 सामान्य लक्षण जिनके बारे मे आपको पता होना बहुत जरूरी है। आर्टिकल मे हमने आपको मुँह के कैंसर के मुख्य कारण भी बताया है और मुँह के कैंसर की जांच किस तरीके से होती है उसके बारे मे भी पूरा विस्तार से बताया है। अगर आपको या आपके किसी भी जानने वाले को कैंसर की बीमारी है तो आप Oncare Cancer Hospital मे जाकर अपना इलाज करवा सकते है।
Frequently Asked Questions
मुँह का कैंसर ज्यादातर तंबाकू चबाने या पीने, शराब पीने, खराब मुँह की सफाई, और HPV वायरस की वजह से होता है। अगर आप तंबाकू या शराब का सेवन करते हैं, तो कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।
मुँह में घाव जो ठीक नहीं होता, लाल या सफेद धब्बे, दाँतों का हिलना, झनझनाहट, आवाज़ में बदलाव, या खून आना — ये सब मुँह के कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। अगर कोई लक्षण 2 हफ्तों से ज्यादा बना रहे, तो डॉक्टर से मिलें।
हाँ, अगर मुँह का कैंसर शुरुआती स्टेज में पकड़ में आ जाए, तो इसका इलाज संभव है। समय पर जांच और सही इलाज से मरीज ठीक हो सकता है। इलाज में सर्जरी, रेडिएशन या कीमोथेरेपी शामिल हो सकते हैं।
डॉक्टर पहले मुँह और गले की फिजिकल जांच करते हैं। उसके बाद बायोप्सी, स्कैन (CT, MRI, PET), या एंडोस्कोपी की मदद से यह पता लगाया जाता है कि कैंसर है या नहीं, और अगर है तो कितनी फैला है।
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