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ब्लड कैंसर के प्रमुख कारण: किन चीज़ों से बढ़ता है खतरा
ब्लड कैंसर के प्रमुख कारण आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में लोगों को समय की कमी, गलत खानपान, तनाव और प्रदूषण जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो जाती है और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन्हीं बीमारियों में से एक है ब्लड कैंसर, जिसे आम भाषा में खून का कैंसर भी कहा जाता है। यह एक खतरनाक स्थिति है जो शरीर की रक्त बनाने वाली प्रणाली को प्रभावित करती है। इसमें मुख्य रूप से बोन मैरो (हड्डियों का गूदा), लसीका प्रणाली, और रक्त कोशिकाएं शामिल होती हैं।
ब्लड कैंसर कई प्रकार का होता है जैसे ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मायलोमा, और हर प्रकार का कैंसर शरीर को अलग ढंग से प्रभावित करता है। जब खून की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं को दबाने लगती हैं, तब यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ब्लड कैंसर के प्रमुख कारण (blood cancer causes in hindi) क्या हैं, किन जीवनशैली से जुड़ी आदतों या बाहरी तत्वों से इसका खतरा बढ़ता है, और कैसे हम समय रहते सतर्क रहकर इस बीमारी से बच सकते हैं।
ब्लड कैंसर क्या होता है?
ब्लड कैंसर तब होता है जब रक्त कोशिकाएं अनियमित रूप से बढ़ने लगती हैं और सामान्य कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं। इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। ब्लड कैंसर मुख्यतः तीन प्रकार का होता है:
- ल्यूकेमिया (Leukemia)
- लिंफोमा (Lymphoma)
- मायलोमा (Myeloma)
हर प्रकार का ब्लड कैंसर शरीर को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है और इसके लक्षण व इलाज भी अलग होते हैं।
ब्लड कैंसर के प्रमुख कारण (blood cancer causes in Hindi)
ब्लड कैंसर एक खतरनाक और गंभीर बीमारी है, जो खून में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित करती है। यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देती है और जीवन को खतरे में डाल सकती है। हालांकि इसके लक्षण शुरुआत में स्पष्ट नहीं होते, लेकिन यदि समय रहते इसके कारणों को समझ लिया जाए, तो इस बीमारी से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ब्लड कैंसर के प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं।
1. जेनेटिक (अनुवांशिक) कारण
ब्लड कैंसर का सबसे प्रमुख कारण अनुवांशिकता हो सकता है। यदि आपके परिवार में पहले किसी सदस्य को ब्लड कैंसर रहा है, तो आपके इस बीमारी से ग्रसित होने की संभावना सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक हो जाती है।
खासतौर पर यदि माता-पिता, भाई या बहन को ब्लड कैंसर हुआ हो, तो यह बीमारी जेनेटिकली अगली पीढ़ी में ट्रांसफर हो सकती है। हालांकि जरूरी नहीं कि हर केस में ऐसा हो, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर है जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
2. रेडिएशन और केमिकल्स का संपर्क
लंबे समय तक रेडिएशन यानी विकिरण और हानिकारक रसायनों जैसे बेंज़ीन (Benzene) के संपर्क में रहना भी ब्लड कैंसर को जन्म दे सकता है। बेंज़ीन एक कार्सिनोजेनिक (कैंसर पैदा करने वाला) पदार्थ है जो पेट्रोलियम उत्पादों, रबर उद्योग, रंग और पेंट्स में पाया जाता है।
इसके अलावा, जो लोग रेडिएशन से जुड़े कामों में होते हैं, जैसे कि एक्स-रे तकनीशियन, यूरेनियम खनन करने वाले या परमाणु संयंत्र में कार्यरत कर्मचारी, उनमें यह खतरा और भी ज्यादा होता है।
3. धूम्रपान और तम्बाकू सेवन
धूम्रपान केवल फेफड़ों को ही नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि रक्त कोशिकाओं पर भी बुरा प्रभाव डालता है। सिगरेट और तंबाकू में मौजूद हानिकारक रसायन ब्लड सेल्स के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उनमें कैंसर कोशिकाएं बनने लगती हैं।
जो लोग नियमित रूप से सिगरेट, बीड़ी, गुटखा या तंबाकू का सेवन करते हैं, उनमें ब्लड कैंसर होने की संभावना कई गुना अधिक होती है। यह आदत धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर देती है।
4. कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी का पुराना इलाज
यदि किसी व्यक्ति ने पहले किसी अन्य कैंसर के लिए कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी करवाई हो, तो उसके शरीर की स्वस्थ रक्त कोशिकाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। इन इलाजों का दुष्प्रभाव लंबे समय तक शरीर पर रहता है और आगे चलकर ब्लड कैंसर का कारण बन सकता है।
यह विशेष रूप से उन मरीजों में देखा गया है जिन्होंने बोन मैरो या लसीका प्रणाली से संबंधित इलाज करवाया हो।
5. वायरस और संक्रमण
कुछ वायरस भी ब्लड कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं। HTLV-1 (Human T-cell Leukemia Virus) और Epstein-Barr Virus (EBV) जैसे वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं। जब इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है, तो कैंसर कोशिकाओं को पनपने का अवसर मिल जाता है।
यह संक्रमण किसी-किसी को जन्म से होता है, तो किसी को खून चढ़ाने या अंग प्रत्यारोपण के दौरान भी हो सकता है।
6. इम्यून सिस्टम की कमजोरी
कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को ब्लड कैंसर होने की आशंका सामान्य लोगों से ज्यादा होती है। खासकर HIV/AIDS से ग्रसित व्यक्ति या जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो, उन्हें इम्यूनो सप्रेसेंट दवाएं दी जाती हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
इस स्थिति में शरीर किसी भी बीमारी से लड़ने में असमर्थ हो जाता है और ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकता है।
7. प्रदूषण और खराब जीवनशैली
आजकल का बढ़ता प्रदूषण, खासकर वायु प्रदूषण, भी ब्लड कैंसर के खतरे को बढ़ा रहा है। वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, जहरीली गैसें और कीटनाशकों का उपयोग शरीर में जहरीले तत्व जमा कर देता है, जो धीरे-धीरे कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देते हैं।
इसके साथ ही अनियमित दिनचर्या, तनाव, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधि का अभाव भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है।
8. असंतुलित आहार और पोषण की कमी
लंबे समय तक पौष्टिक भोजन न लेने से शरीर में खून बनाने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। खासकर आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी12 जैसे पोषक तत्वों की कमी से रक्त कोशिकाएं असामान्य तरीके से बनने लगती हैं, जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकती हैं।
जंक फूड, अत्यधिक प्रोसेस्ड भोजन, और फलों-सब्जियों की कमी ब्लड कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकती है।
ब्लड कैंसर के जोखिम को कैसे कम करें?
हालाँकि ब्लड कैंसर के सभी कारणों से बचाव संभव नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियाँ अपनाकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है:
- धूम्रपान और तंबाकू से दूर रहें
- संतुलित और पोषणयुक्त आहार लें
- नियमित व्यायाम करें
- जहरीले केमिकल्स और रेडिएशन से बचें
- नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं
- यदि परिवार में कैंसर का इतिहास है, तो विशेष सावधानी बरतें
ब्लड कैंसर के सामान्य लक्षण
कई बार लोग शुरुआती लक्षणों को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बीमारी बढ़ जाती है। नीचे दिए गए लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है:
- अत्यधिक थकान और कमजोरी
- बुखार या संक्रमण बार-बार होना
- शरीर पर नीले निशान या खून आना
- वजन कम होना बिना कारण
- लगातार पसीना आना, खासकर रात में
- हड्डियों और जोड़ो में दर्द
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ब्लड कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन यदि समय रहते इसके लक्षणों को पहचाना जाए और सही इलाज शुरू किया जाए, तो मरीज के ठीक होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। जरूरी है कि हम इसके कारणों को समझें और उनसे बचाव करें।
यदि आप या आपके किसी जानने वाले को ब्लड कैंसर से जुड़ी समस्या है, तो जल्द से जल्द विशेषज्ञ की सलाह लें। Oncare Cancer Hospital में ब्लड कैंसर का बेहतरीन इलाज अनुभवी डॉक्टर्स और आधुनिक तकनीक के साथ किया जाता है। यहाँ पर मरीजों को सही मार्गदर्शन और पूरा सपोर्ट मिलता है, जो उपचार में सबसे अहम भूमिका निभाता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
हाँ, यदि समय पर पहचान हो जाए और सही इलाज मिले तो ब्लड कैंसर के मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। लेकिन यह कैंसर की स्टेज और मरीज की सेहत पर भी निर्भर करता है।
जी हाँ, बच्चों में भी ब्लड कैंसर (खासतौर पर ल्यूकेमिया) देखा जाता है। बच्चों में जल्दी इलाज से सफलता की संभावना अधिक होती है।
नहीं, ब्लड कैंसर किसी को छूने या साथ रहने से नहीं फैलता। यह अनुवांशिक या आंतरिक कारणों से होता है।
ब्लड कैंसर के इलाज के लिए आधुनिक तकनीक, विशेषज्ञ डॉक्टर्स और सही वातावरण की जरूरत होती है। इसके लिए Oncare Hospital एक बेहतरीन विकल्प है, जहाँ अनुभवी डॉक्टर और उन्नत सुविधाएं उपलब्ध हैं।
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